देश की खबरें | राजस्थान में कोयले की कमी के कारण बिजली का उत्पादन प्रभावित

जयपुर, सात अक्टूबर राजस्थान के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया है।

कोयल की कमी के कारण कुछ ताप विद्युत इकाइयां बंद है जबकि शेष इकाइयां में कोयला खदानों में बारिश के पानी के कारण आपूर्ति कम होने के कारण एक या दो दिनों के लिये कोयले का भंडार बचा हुआ है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को राज्य में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने केंद्रीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर पर्याप्त मात्रा में कोयला रैक की आपूर्ति सुनिश्चित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया, ताकि ताप विद्युत संयंत्रों का सुचारू संचालन हो सके।

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर के शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण कोयला खदानों में पानी भरना कोयला उत्पादन कम होने की मुख्य वजह है।

बैठक की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि कोयला खदानों में पानी भरने से उपजे इस संकट के कारण प्रदेश में ताप विद्युत संयंत्रों की कुछ इकाइयां अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रही है। ऐसे में आमजन को बिजली बचत के लिए जागरुक किया जाना चाहिए।

ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मौसम में हुए परिवर्तन से गर्मी एवं उमस बढ़ी है। ऐसे में बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि आज की स्थिति में प्रतिदिन औसत मांग 12,500 मेगावाट की है, जबकि औसत उपलब्धता 8,500 मेगावाट ही है। प्रदेश में चार अक्टूबर के बाद से बिजली का उपभोग बढ़ा है, लेकिन ताप विद्युत संयंत्रों के पूरी क्षमता से काम नहीं करने के कारण उपलब्धता घट रही है।

ऊर्जा मंत्री डा बी डी कल्ला ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से बातचीत के दौरान उनसे प्रदेश को आवंटित कोटे के अनुरूप कोयला प्रतिदिन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

कल्ला ने बताया कि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने केन्द्रीय कोयला मंत्री एवं कोयले की उपलब्धता की निगरानी के लिए बनाए उप-समूह से चर्चा कर राजस्थान को दिए जाने वाले कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास करने का आश्वासन दिया है।

डिस्काम के अध्यक्ष भास्कर ए सावंत ने बताया कि राज्य में प्रतिदिन करीब 11 रैक कोयले की आवश्यकता के मुकाबले अभी 7.50 रैक कोयला मिल रहा है।

इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बिजली संकट पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के कई बिजली घर बंद है और कई बंद होने की स्थिति में हैं, जिसके बाद प्रदेश में विद्युत संकट गहरा गया है।

उन्होंने कहा कि इस कारण राज्य के उद्योग तो प्रभावित हो ही रहें है, खेती और बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जो घरेलू बिजली हमारे कार्यकाल में 24 घंटे मिला करती थी। वह आज गांवों में 24 मिनट भी नहीं मिल रही। गांवों में ही नहीं, बिजली कटौती से शहरों में भी लोग परेशान है।’’

राजे ने कहा है कि प्रदेशवासियों को बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रखना राज्य सरकार की साफ विफलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई बिजली घर बंद है और कई बंद होने की स्थिति में हैं।

राजे ने दावा किया कि राज्य सरकार ने कोयले का भुगतान सही समय पर नहीं किया, इसलिए आज यह परेशानी खड़ी हो गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कार्यकाल के दौरान कोयले का समय पर भुगतान होने की वजह से इसकी कभी कमी नहीं आई और यही कारण था कि उस वक़्त बिजली उत्पादन निर्बाध रूप से होता रहा।’’

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