ट्रंप ने की पुतिन से बातचीत, यूक्रेन में शांति की उम्मीद
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को बताया कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन पर शांति वार्ता के लिए सऊदी अरब में मिलेंगे.डॉनल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के बाद पुतिन के साथ उनके संपर्क की पहली बार पुष्ट जानकारी आई है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रूसी समकक्ष से एक, "लंबी और बेहद उपयोगी" बातचीत की है, जिन्होंने यूक्रेन में 2022 के आक्रमण का आदेश दिया था. इससे पहले भी अमेरिकी मीडिया में दोनों नेताओं के बातचीत की खबर आई थी लेकिन दोनों देशों ने इसकी आधिकारि पुष्टि नहीं की.

हालांकि इस बातचीत से यह चिंता उभरी है कि यूक्रेन को उसकी चिंताओं के साथ अपनी किस्मत पर छोड़ दिया गया है. ट्रंप ने कहा कि नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की इच्छा "व्यावहारिक" नहीं है. रूस की भी यही मांग रही है.

लगभग तीन वर्ष से चले आ रहे यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म करने के लिए ट्रंप दबाव बनाते रहे हैं. उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि दो परमाणु हथियारों वाली महाशक्तियों की बातचीत में यूक्रेन बाहर रहेगा.

ट्रंप ने पुतिन से मुलाकात की योजना के बारे में ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि वह यहां आएंगे और मैं वहां जाऊंगा, और हम लोग संभवतः सऊदी अरब में पहली बार मिलेंगे."

ट्रंप की वापसी से पहले यूक्रेन पर सहयोगी देशों ने क्या बात की

ट्रंप ने उम्मीद जताई है कि यह मुलाकात, "सुदूर भविष्य में नहीं होगी." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी इसमें शामिल होंगे. सऊदी क्राउन प्रिंस ने इस हफ्ते रूस और अमेरिका के कैदियों की अदला बदली में अहम भूमिका निभाई थी.

ट्रंप और पुतिन ने डेढ़ घंटे बात की

रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत करीब डेढ़ घंटे चली. दोनों नेताओं ने माना है, "साथ काम करने का वक्त आ गया है" और पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को आने का न्योता दिया है. 20 जनवरी को अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले ट्रंप ने "यूक्रेन युद्ध 24 घंटे के भीतर" बंद करने का वादा किया था.

ट्रंप ने इससे पहले अपने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पुतिन से फोन पर बातचीत की जानकारी देकर दुनिया को चौंका दिया. ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन, "दोनों इस पर सहमत हुए हैं कि हम रूस/यूक्रेन के युद्ध में लाखों लोगों की मौत को रोकना चाहते हैं." ट्रंप ने इस पोस्ट में जिन आंकड़ों की बात की है उनकी पुष्टि नहीं हुई है.

ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी फोन पर बातचीत की. जेलेंस्की ने कहा है कि उन्होंने ट्रंप के साथ एक "अर्थपूर्ण" बातचीत की है जिसमें उन्होंने पुतिन के साथ हुई बातचीत का "ब्यौरा दिया." ट्रंप ने जेलेंस्की से बात करने के बाद कहा कि वह "राष्ट्रपति पुतिन की तरह ही शांति चाहते हैं."

यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख आंद्रीय येरमाक ने टीवी पर प्रसारित बयान में कहा है कि जेलेंस्की और ट्रंप दोनों पक्षों की ओर से "तुरंत" एक उच्चस्तरीय टीम बनाने पर काम करने के लिए रजामंद हुए हैं, जो समझौते के लिए प्रयास करेगी.

येरमाक ने यह भी बताया कि जेलेंस्की और उनके अधिकारियों की अमेरिकी अधिकारियों के साथ म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस में बातचीत होगी. यह कांफ्रेंस 14-16 फरवरी को हो रही है जिसमें अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वैंस और विदेश मंत्री मार्क रूबियो भी हिस्सा ले रहे हैं. यहां जेलेंस्की की इन दोनों नेताओं के साथ मुलाकात भी होगी.

यूक्रेन की चिंता

हालांकि ट्रंप की पुतिन के साथ हुई बातचीत ने इन आशंकाओं को जन्म दिया है कि अमेरिका रूसी शर्तों पर रजामंद हो रहा है. अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रमुख पीट हेगसेथ ने बुधवार को यूरोपीय समकक्षों से कहा कि यूक्रेन का 2014 से पहले की सीमाओं तक लौटने का सपना एक "भ्रामक लक्ष्य" है और नाटो में उसकी सदस्यता "यथार्थवादी नहीं" है. रूस की यही दोनों प्रमुख मांगें रही हैं.

ट्रंप ने इस बात से इनकार किया है कि जेलेंस्की को अलग कर दिया गया. ट्रंप ने इस आलोचना को भी खारिज किया कि हेगसेथ के बयानों का मतलब है कि अमेरिका रूसी शर्तों पर रजामंद हो गया है.

इस बीच येरमाक ने फिर दोहराया है कि यूक्रेन की "स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता" के साथ समझौता नहीं सकता.

यूक्रेनी नेता रूस के साथ समझौते में सुरक्षा गारंटी को शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच ट्रंप ने यूक्रेन को सैन्य मदद जारी रखने के बदले दुर्लभ खनिजों पर करार का भी प्रस्ताव दिया है. इन सब के बीच यूक्रेन और यूरोपीय राजधानियों में संभावित समझौते को लेकर चिंता उभर रही है. फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को जोर देकर कहा कि यूक्रेन और उसके यूरोपीय साझेदारों को साथ लिए बगैर "उचित और दीर्घकालीन शांति" नहीं होगी.

एनआर/एसके (एएफपी)