नई दिल्ली:- बिहार विधानसभा और उपचुनाव में मिली हार के बाद से ही कांग्रेस (congress) में अंदरूनी कलह का दौर जारी है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर दिए है. कांग्रेस के भीतर जारी घमासान अब पूरी दुनिया के सामने आ चुका है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के बाद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने भी आलाकमान पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं का ब्लॉक से लेकर जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है. कांग्रेस में जारी इस बयानबाजी के बीच अब कांग्रेस के पूर्व सांसद संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) भी कूद पड़े हैं. उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर परिवर्तन की मांग की.
संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, बीजेपी तमिलनाडु और बंगाल में चुनाव लड़ रही है, हमारे वरिष्ठ नेता आपस में लड़ रहे हैं, वह भी सार्वजनिक रुप से. ये वही नेता हैं जो वर्षों से AICC पर कब्जा जमाए बैठे हैं. जब अच्छा हुआ तो भोगे, अब बुरा हुआ तो कोस रहे हैं. बड़े नेताओं की नेतृत्व में घटती आस्था पार्टी को कमजोर करेगी. कांग्रेस की बेहतरी के लिए संगठनात्मक चुनाव रामबाण उपाय नहीं है. सचमुच ब्लॉक और जिला के स्तर पर संगठन का स्ट्रक्चर बिखर गया है. उसे चुनाव के बिना भी ठीक किया जा सकता है. पार्टी के प्रति लोगों में बढ़ती बेरुख़ी सबसे ज़्यादा चिंताजनक है।उसे कैसे बदला जाए,इस पर जोर देना पड़ेगा. तमिलनाडु में DMK के असंतुष्ट नेताओं पर BJP की नजर, पार्टी राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने संभाली कमान.
संजय निरुपम के ट्वीट:-
बीजेपी तमिलनाडु और बंगाल में चुनाव लड़ रही है,हमारे वरिष्ठ नेता आपस में लड़ रहे हैं,वह भी सार्वजनिक रुप से।
ये वही नेता हैं जो वर्षों से #AICC पर कब्जा जमाए बैठे हैं।
जब अच्छा हुआ तो भोगे,अब बुरा हुआ तो कोस रहे हैं।
बड़े नेताओं की नेतृत्व में घटती आस्था पार्टी को कमजोर करेगी।/1
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) November 23, 2020
संजय निरुपम का दूसरा ट्वीट:-
जब तक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कमर कस कर तैयार नहीं होता,नीचे के स्तर पर ऊर्जाहीनता और दुविधा बनी रहेगी।
उपाय एक ही है,राहुल गांधी तत्काल अध्यक्ष बनें और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन करें।मेहनती और ऊर्जावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे लाएँ।
चमत्कार जरूर होगा।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) November 23, 2020
संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, जब तक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कमर कस कर तैयार नहीं होता, नीचे के स्तर पर ऊर्जाहीनता और दुविधा बनी रहेगी. उपाय एक ही है, राहुल गांधी तत्काल अध्यक्ष बनें और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन करें. मेहनती और ऊर्जावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे लायें. चमत्कार जरूर होगा. हमारे नरेटिव का रिकॉर्ड घिस गया है. नए नजरिए की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सदा नए आइडियाज़ और सामयिक दृष्टिकोण देश के समक्ष रखा है. इसी से देश का भला हुआ है और पार्टी को नई जिंदगी मिली है. देश कांग्रेस का नया अवतार चाह रहा है. हम पुराना ढर्रा छोड़ नहीं रहे हैं. बदलाव नैसर्गिक सच है.