
CM Yogi on Fecal Bacteria: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में संगम जल की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में त्रिवेणी संगम का पानी पूरी तरह से शुद्ध है और न केवल स्नान बल्कि आचमन के लिए भी उपयुक्त है. सीएम योगी ने कहा, "त्रिवेणी संगम के पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सभी पाइप और नालों को टेप किया गया है और जल को शुद्ध करने के बाद ही प्रवाहित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार पानी की गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है."
उन्होंने बताया कि वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार, संगम के पास बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) 3 से कम है और घुलित ऑक्सीजन (DO) का स्तर 8-9 है, जो जल की शुद्धता को दर्शाता है.
सीएम योगी ने महाकुंभ पर फीकल बैक्टीरिया रिपोर्ट को किया खारिज
#WATCH | Lucknow: On the faecal bacteria report, CM Yogi Adityanath says in the UP assembly, "Questions are being raised about the quality of the water (at Triveni)... All the pipes and the drains in and around Sangam have been taped and the water is being released only after… pic.twitter.com/8b4PGaDgSE
— ANI (@ANI) February 19, 2025
विपक्ष पर भ्रम फैलाने का लगाया आरोप
अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादियों का संस्कार है...
जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा,
वही नसीब के मारों की बात करते हैं... pic.twitter.com/RRzV2VtPD9
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 19, 2025
फीकल बैक्टीरिया पर उठे सवालों का जवाब
संगम जल में फीकल बैक्टीरिया (फीकल कोलीफॉर्म) की मात्रा को लेकर हो रही चर्चाओं पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, "फीकल कोलीफॉर्म बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे सीवेज लीकेज और पशु अपशिष्ट. हालांकि, प्रयागराज में इसकी मात्रा मानकों के अनुसार 2,500 MPN प्रति 100 ml से कम है. यह झूठा प्रचार सिर्फ महाकुंभ को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है."
सीएम योगी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जल में फीकल बैक्टीरिया की मात्रा 2,000 MPN प्रति 100 ml से भी कम पाई गई है.
महाकुंभ पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप
सीएम योगी ने विपक्ष और आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. जल की गुणवत्ता पर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह पूरी तरह से निराधार है.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि श्रद्धालु निश्चिंत होकर संगम में स्नान और आचमन कर सकते हैं, क्योंकि जल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.