ममता बनर्जी नहीं, बल्कि KCR के पास होगी तीसरे मोर्चे की कमान? 2024 में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्ष ने तेज की गुणा-गणित
ममता बनर्जी और के चंद्रशेखर राव (Photo Credits: Facebook)

मुंबई: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने रविवार को मुंबई में महाराष्ट्र के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर तीसरा मोर्चा बनाने की चर्चा को तेज कर दिया. इससे पहले यह कोशिश पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमों ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी कर चुकी है. हालांकि तब इसमें कांग्रेस को शामिल करने पर असमंजस बना हुआ था, लेकिन केसीआर-उद्धव और शरद पवार की मुलाकात होने के बाद तीसरे फ्रंट में कांग्रेस का होना तय लग रहा है. ममता बनर्जी ने तेज किया कांग्रेस मुक्त विपक्ष का अभियान, शरद पवार से मिलने के बाद राहुल गांधी और UPA को लेकर कही बड़ी बात

शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने आज कहा “हमने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस के बगैर कोई फ्रंट बनेगा, जब ये बात ममता बनर्जी ने कही थी तब शिवसेना पहली राजनीतिक पार्टी थी और तब हमने कहा था कि कांग्रेस को भी साथ लेना चाहिए. कल तेलंगाना के सीएम महाराष्ट्र आकर उद्धाव ठाकरे से बातचीत की.”

उन्होंने आगे कहा “दोनों के बीच राजनीतिक, विकास और देश की परिस्थिति के बारे में चर्चा हुई. दोनों नेताओं की बहुत से विषय में सहमति हुई. के चंद्रशेखर राव बहुत जुझारू नेता हैं उनके में वो क्षमता है कि सबको साथ लेकर नेतृत्व करें.”

हालांकि, न तो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख केसीआर, और न ही शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे या एनसीपी प्रमुख पवार ने तीसरे मोर्चे के बारे में स्पष्ट शब्दों में बात की. राव और ठाकरे ने बदलाव को वक्त की जरूरत बताया जबकि पवार ने कहा कि देश के सामने मौजूद गरीबी, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है.

इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के बीजेपी-विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों का स्वागत करती है, हालांकि, साथ ही आगाह किया कि क्षेत्रीय दलों की इस तरह की पहल सत्तारूढ़ बीजेपी की ‘‘एकमात्र विकल्प’’ कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकती.

बीते 1 दिसंबर को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी मुंबई आयीं थीं. तब उन्होंने कांग्रेस के बिना बीजेपी को मात देने के लिए तीसरे मोर्चे को मजबूती के साथ बनाने की पहल शुरू की. तब उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए (UPA) के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर भी हमला बोला था. हालांकि ममता बनर्जी को क्षेत्रीय दलों से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिल सका.