मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कांग्रेस नेता नाना पटोले (Nana Patole) का विधानसभा स्पीकर चुने गए. रविवार सुबह बीजेपी ने अपने उम्मीदवार किशन कठोरे का नाम वापस ले लिया है. इस लिए स्पीकर का चुनाव निर्विरोध हुआ. बीजेपी ने कहा कि अन्य पार्टियों के अनुरोध को देखते हुए स्पीकर चुनाव निर्विरोध कराए जाने का फैसला किया गया. इसके लिए सभी दलों की एक बैठक हुई जिसमें यह निर्णय हुआ. बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने कह कि सरकार के नेताओं ने अनुरोध किया था कि हम अपना उम्मीदवार वापस ले लें जिससे राज्य की परंपरा बरकरार रहे. परंपरा को कायम रखने के लिए हम अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले रहे हैं.
विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने भी इस बात को दोहराया. उन्होंने कहा, हमने विधानसभा स्पीकर के पद के लिए किसान कठोरे को नामित किया था, लेकिन सर्वदलीय बैठक में अन्य दलों ने हमसे अनुरोध किया और यह परंपरा रही है कि स्पीकर को निर्विरोध नियुक्त किया जाता है, इसलिए हमने अनुरोध स्वीकार कर लिया और अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया.
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बीजेपी ने वापस लिया किशन कठोरे का नाम-
BJP's Devendra Fadnavis in state assembly: We had nominated Kisan Kathore for the post of assembly speaker, but in all-party meeting, other parties requested us&its has been a tradition that speaker is appointed unopposed, so we accepted the request&withdrew our candidate's name. pic.twitter.com/GHb2fevpIs
— ANI (@ANI) December 1, 2019
विधानसभा में कांग्रेस नेता नाना पटोले के अध्यक्ष चुने जाने के बाद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा नाना पटोले भी एक किसान परिवार से आए हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि वह सभी को न्याय दिलाएंगे. बता दें कि महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने शनिवार को कहा था कि वह विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में भाग लेगी. महाविकास अघाड़ी के नाना पटोले के सामने बीजेपी ने अपने विधायक किशन कठोरे को उतारा था.
पटोले विदर्भ में साकोली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. विधायक के तौर पर यह उनका चौथा कार्यकाल है. पटोले विदर्भ में साकोली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. नाना पटोले कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मतभेदों के बाद पटोले ने दिसंबर 2017 में बीजेपी छोड़ दी थी और कांग्रेस में लौट आए.