नई दिल्ली, 1 जनवरी: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा देश में लागू किए गए नए कृषि कानूनों लेकर प्रदर्शनकारी किसान लगातार विरोध कर रहे हैं. इस बीच स्वराज इंडिया (Swaraj India) के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि, 'किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है. एमएसपी (MSP) को कानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है.'
इसके अलावा उन्होंने कहा कि, '4 तारीख (4जनवरी) को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को केएमपी (KMP) राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा. 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा.'
किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है। MSP को क़ानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि क़ानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है: योगेंद्र यादव #FarmersProtest pic.twitter.com/OJkTIQTs0K
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2021
बता दें कि किसानों को नए साल में सरकार के साथ होने वाली 7वें दौर की वार्ता में नए कृषि कानून व एमएसपी के मसले का समाधान होने की उम्मीद है, जिसके बाद वे आंदोलन समाप्त करेंगे. किसान संगठनों ने बहरहाल 4 जनवरी तक आंदोलन तेज न करने का ऐलान किया है.
4 तारीख (4जनवरी) को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को KMP राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा। 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा: योगेंद्र यादव #FarmersProtest pic.twitter.com/pygMitZbJ1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2021
केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की औपचारिक वार्ता सकारात्मक रही, जिसमें किसानों की दो मांगों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी. अब नए साल में चार जनवरी को अगले दौर की वार्ता होगी, जिसमें बाकी दो मसलों के समाधान तलाशने पर चर्चा होगी.