Air India Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन क्रैश का 'ब्लैक बॉक्स' मिला, विमान हादसे के खुलेंगे राज
Air India Plane Crash | PTI

Air India Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दर्दनाक हादसे के 28 घंटे बाद, विमान का ब्लैक बॉक्स यानी Digital Flight Data Recorder (DFDR) बरामद कर लिया गया है. Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने इसकी पुष्टि की है. यह ब्लैक बॉक्स उस हॉस्टल बिल्डिंग की छत पर मिला है, जिसमें विमान टकराकर गिरा था. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि शुरू में जो रिकॉर्डिंग डिवाइस मिली थी, वह ब्लैक बॉक्स नहीं थी. असली फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को सटीक रूप से पहचाना गया और अब उसका विश्लेषण शुरू हो गया है.

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नागरिक उड्डयन मंत्री का बयान

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने X (ट्विटर) पर जानकारी दी कि ब्लैक बॉक्स की बरामदगी से जांच को अहम बढ़त मिलेगी. उन्होंने लिखा, “यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हादसे के कारणों की तह तक पहुंचने में मदद मिलेगी.”

क्या होता है ब्लैक बॉक्स?

ब्लैक बॉक्स दरअसल एक मजबूत, आग और विस्फोट-रोधी डिवाइस होता है, जो किसी विमान की उड़ान के दौरान फ्लाइट डेटा और कॉकपिट की आवाज़ों को रिकॉर्ड करता है. यह डिवाइस चमकीले नारंगी या पीले रंग की होती है और इसे दुर्घटना के बाद जांच का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है. इसमें दर्ज डाटा से यह समझने में मदद मिलती है कि टेक-ऑफ से लेकर क्रैश के ठीक पहले तक विमान में क्या हुआ.

अब तक क्या पता चला?

यह विमान 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से रवाना हुआ था. कुछ मिनट बाद पायलट ने “Mayday” कॉल दी, जो संकेत है कि विमान गंभीर संकट में है. फिर अचानक संपर्क टूट गया और विमान एयरपोर्ट के बाहर बने डॉक्टर्स हॉस्टल से टकरा गया. हादसे में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. चमत्कारी रूप से सिर्फ एक यात्री, ब्रिटेन मूल के विश्वाशकुमार रमेश, जीवित बच गए.

कौन उड़ा रहा था विमान?

विमान के कैप्टन सुमीत सभरवाल एक अनुभवी लाइन ट्रेनिंग कैप्टन थे, जिनके पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था. उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था.

जांच एजेंसियां जुटीं सच्चाई पता लगाने में

AAIB के नेतृत्व में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और गुजरात सरकार की 40 से अधिक अधिकारियों की टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण इस जांच में निर्णायक भूमिका निभाएगा.