
अहमदाबाद: गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान में लगी भीषण आग के कारण अधिकांश शव बुरी तरह जल चुके थे. इस वजह से मृतकों की पहचान करना बेहद कठिन हो गया है. अब इनकी पहचान केवल डीएनए जांच के जरिये ही संभव हो सकेगी. आमतौर पर डीएनए जांच रिपोर्ट आने में लगभग तीन महीने का समय लगता है, लेकिन इस भीषण त्रासदी को देखते हुए इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है. नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सौमिल पी. मर्चेंट ने बताया कि यह जांच 72 घंटे यानी तीन दिनों में पूरी कर ली जाएगी.
डीएनए जांच के लिए सैंपल अहमदाबाद और गांधीनगर की फॉरेंसिक लैबों में भेजे गए हैं. कुल 275 सैंपल मृतकों के अवशेषों से लिए गए हैं, जिनमें जले हुए और बिखरे अंग भी शामिल हैं. इनकी तुलना परिजनों से लिए गए डीएनए सैंपलों से की जा रही है.
अस्पताल बना सैंपल सेंटर
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के एक बड़े हॉल को डीएनए सैंपल कलेक्शन सेंटर में बदल दिया गया है. यहां गुरुवार रात से ही परिजनों के सैंपल लिए जा रहे हैं.
प्लेन में कितने लोग थे सवार
इस दर्दनाक हादसे में कुल 242 लोग विमान में सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई नागरिक और 12 क्रू सदस्य शामिल थे. हादसे में केवल एक यात्री की जान बची है, जबकि बाकी सभी के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है. कई मेडिकल छात्रों के भी इस हादसे में मारे जाने की पुष्टि हुई है.
अमित शाह ने दिया भरोसा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार शाम घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि डीएनए परीक्षण को ‘सबसे कम समय’ में पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अंतिम मृतकों की गिनती डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही घोषित की जाएगी.
रविवार से सौंपे का सकते हैं शव
एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि यदि डीएनए जांच निर्धारित समय में पूरी हो जाती है, तो रविवार से शवों को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.