संसद में पारित किए गए नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर मध्य प्रदेश में तकरार बढ़ती ही जा रही है. इस कानून के विरोध और समर्थन का दौर जारी है. वहीं राज्य के बड़े हिस्से में निषेधाज्ञा 144 लागू की गई है. जबलपुर (Jabalpur) में बड़े तनाव के बाद लगाया गया कर्फ्यू रविवार को तीसरे दिन भी जारी है. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी आंदोलनों का दौर थम नहीं रहा है. पिछले दिनों इस कानून के विरोध में लगातार राजधानी के इकबाल मैदान में लोगों ने जमा हेाकर गुस्से का प्रदर्शन किया. इस आयोजन में कांग्रेस के नेताओं ने भी हिस्सा लिया.
भोपाल (Bhopal) के शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी भी इस कानून के विरोध में सामने आए हैं. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति और अमन बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि नौजवान कानून को अपने हाथ में न लें और ऐसा कोई काम न करें जिससे कौम की बदनामी हो. उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर इस कानून पर अन्य राज्यों की तरह अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है.
वहीं, राजधानी में केशव स्मारक समिति नागरिक संशोधन कानून 2019 पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया. इस आयेाजन में बुद्घिजीवियों ने हिस्सा लिया. पूर्व न्यायाधीश और पूर्व संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा, नागरिकता संसोधन कानून में एक भी शब्द ऐसा नहीं है जिसमें किसी भी भारतीय मुसलमान से नागरिकता हेतु एक भी कागज मांगा जाए, यह कानून नागरिकता देने हेतु है ना की नागरिकता लेने हेतु.
इस मौके पर नागरिकता के लिए भटक रही शांता देवी ने भी अपनी व्यथा सुनाई और बताया कि, वह 1980 में भारत आई हैं. उनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. वह हर दो साल में नागरिकता के लिए आवेदन करती हैं मगर अभी तक उनको नागरिकता नहीं मिली है. ऐसे ही पाकिस्तान से लगभग 30 साल पहले आए विकी कुमार ने अपनी आपबीती सुनाई, उन्होंने बताया कि करीब 15 साल पहले नागरिकता हेतु अप्लाई किया था. कलेक्टर वल्लभ भवन भेजते हैं और वल्लभ भवन वाले बोलते हैं यह सब काम दिल्ली से होगा. उन्होंने वहां बैठे लोगों से निवेदन किया कि हम जैसे लोगों को नागरिकता दी जाए.
वहीं, कांग्रेस ने 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया है. यह मार्च रंगमहल चौराहे से शुरू होकर मिंटो हाल के पास बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने समाप्त होगा.
कांग्रेस के पैदल मार्च पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि सीएए से उन लोगों को लाभ मिलेगा जो अनायास पीड़ा झेलते थे. कांग्रेस निराधार आरोप लगाकर भ्रम फैला रही है.
वहीं, जबलपुर में शुक्रवार को सीएए (CAA) के विरोध में सड़क पर उतरे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. पथराव हुआ था और पुलिस जवान सहित प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में घायल हुए थे, हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा. शनिवार को डेढ़ घंटे की कर्फ्यू में ढील दी गई. तीसरे दिन रविवार को भी कर्फ्यू जारी है. रविवार को प्रशासन हालात की समीक्षा कर रहा है. राज्य में शांति व्यवस्था कायम रहे, इसके लिए बड़े हिस्से में निषेधाज्ञा 144 लागू की गई है, पुलिस बल की तैनाती की गई है. वहीं अतिरिक्त पुलिस बल को सतर्क रहने के निर्देश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है.