Tholi Ekadashi 2025 Wishes: थोली एकादशी के इन मनमोहक WhatsApp Messages, Quotes, GIF Greetings को भेजकर अपनों को दें बधाई
थोली एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

Tholi Ekadashi 2025 Wishes in Hindi: देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि इसी पावन तिथि से जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के शयनकाल का प्रारंभ होता है और श्रीहरि क्षीरसागर में 4 महीने की गहन योगनिद्रा के लिए चले जाते हैं. इसके साथ ही चतुर्मास की शुरुआत हो जाती है, जिसके साथ शादी-ब्याह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi) और हरिशयनी एकादशी (Hari Shayani Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. इस एकादशी को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), तेलंगाना (Telangana) और दुनिया भर में रहने वाले तेलुगु भाषियों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे थोली एकादशी (Tholi Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इस साल 6 जुलाई 2025 को थोली एकादशी मनाई जा रही है.

थोली एकादशी को वैष्णव समुदाय के लोगों के लिए बेहद खास माना जाता है और इस दिन श्रीहरि के भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि थोली एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में इस अति पावन अवसर पर आप इन मनमोहक हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- ॐ श्री लक्ष्मी नारायण नम:
शुभ थोली एकादशी

थोली एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

2- ॐ नमो नारायणाय नम:
शुभ थोली एकादशी

थोली एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

3- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
शुभ थोली एकादशी

थोली एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

4- ॐ श्री विष्णवे नम:
शुभ थोली एकादशी

थोली एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

5- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
शुभ थोली एकादशी

थोली एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

ऐसी मान्यता है कि थोली एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारंभ हो जाता है. इसी तिथि से चतुर्मास और देवों की रात्रि शुरु हो जाती है, इसलिए चार महीने के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. किसानों के लिए थोली एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन पहली बारिश के बाद किसान अपनी खेतों में बीज बोना शुरु करते हैं. इस दिन भोज का आयोजन कराया जाता है, साथ ही गरीबों और बच्चों को भोजन कराया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है.