
नई दिल्ली: देश की सबसे पुरानी राजनीतिक दल कांग्रेस (Congress) इन दिनों अंदरूनी कलह से जूझ रही है. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद भी पार्टी के अंदर घमासान लगातार जारी है. बताया जा रहा है कि जिन 23 असंतुष्ट कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया गांधी को पार्टी के अंदर बड़े बदलाव की मांग को लेकर चिट्ठी लिखी थी अब वह अन्य नेताओं के निशाने पर हैं. इसकी एक झलक संसद से जुड़े मु्द्दों पर रणनीति बनाने के लिए गठित की गई कांग्रेस समिति में नजर आई.
कांग्रेस ने संसद से जुड़े विषयों पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को एक 10 सदस्यीय समिति बनाई. जिनमें दोनों सदनों के पांच-पांच सदस्य शामिल किए गए हैं. इसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश को राज्यसभा में मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जो समिति बनाई है उसमें दोनों सदनों के नेता, उप-नेता के अलावा पार्टी वरिष्ठ नेता अहमद पटेल शामिल हैं. गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मंजूर नहीं: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा
इसके साथ ही गौरव गोगोई को लोकसभा में पार्टी का उप-नेता नियुक्त किया गया है जबकि लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को व्हिप की जिम्मेदारी सौंपी है. फिलहाल अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं, जबकि के सुरेश चीफ व्हिप हैं. गोगोई पहले सचेतक (व्हिप) की भूमिका में थे. इसके अलावा मणिकम टैगोर भी सचेतक हैं. हालांकि कांग्रेस ने अब तक लोकसभा में अपना उप-नेता नहीं चुना है.
कांग्रेस ने 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र को लेकर ये नियुक्तियां की हैं. हालांकि इस में पार्टी के सीनियर नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी को नजरअंदजा कर दिया गया है. इन दोनों नेताओं के हस्ताक्षर उस चिट्ठी में शामिल थे. गुलाम नबी आजाद ने फिर पार्टी की कार्यशैली पर उठाए सवाल, कहा- चुनाव नहीं हुआ तो 50 साल तक विपक्ष में बैठेगी कांग्रेस
ज्ञात हो कि पंजाब के आनंदपुर साहिब से दो बार सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. जबकि वह NSUI और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का भी पद संभाल चुके है. लोकसभा में पार्टी का उप-नेता बने गौरव गोगोई के मुकाबले मनीष तिवारी काफी सीनियर नेता हैं. जबकि कांग्रेस आलाकमान ने वरिष्ठ नेता शशि थरूर को भी कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी है. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए शशि थरूर केंद्रीय मंत्री थे. वे लंबे समय से केरल के थिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद हैं. राज्यसभा में कांग्रेस का चीफ व्हिप बनाए गए जयराम रमेश राहुल गांधी के करीबी बताए जाते है.
उधर, वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sabil) ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी को 24x7 नेतृत्व की आवश्यकता है, क्योकि अभी पार्टी सबसे बुरे समय से गुजर रही है. जबकि गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) ने फिर से कांग्रेस पार्टी में व्यापक सुधार की मांग की है और कहा है कि चुनाव के जरिए प्रमुख पदों पर नियुक्तियां नहीं होने पर कांग्रेस अगले 50 सालों तक विपक्ष में ही बैठेगी.