
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दूसरी बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है. यह नामांकन पाकिस्तान वर्ल्ड एलायंस (PWA) और नॉर्वे की राजनीतिक पार्टी पार्टीएट सेंट्रम (Partiet Sentrum) द्वारा किया गया है.
पार्टीएट सेंट्रम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर यह घोषणा की, "हम यह घोषणा करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं कि पार्टीएट सेंट्रम और एक अधिकृत व्यक्ति की साझेदारी में, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मानवाधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के उनके योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है."
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पहले भी होए चुके हैं नोमिनेट
यह पहली बार नहीं है जब इमरान खान का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाया गया है. साल 2019 में भी उन्हें इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, जब उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने के प्रयास किए थे.
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की प्रक्रिया बेहद कठिन होती है. हर साल सैकड़ों उम्मीदवारों के नाम भेजे जाते हैं, जिनकी समीक्षा नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी द्वारा की जाती है. अंतिम निर्णय तक पहुंचने के लिए करीब आठ महीने तक गहन जांच की जाती है.
जेल में सजा काट रहे हैं इमरान
72 वर्षीय इमरान खान पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक भी हैं. हालांकि, राजनीतिक और कानूनी चुनौतियों के कारण अगस्त 2023 से वह जेल में बंद हैं. इस साल जनवरी में उन्हें भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों में 14 साल की सजा सुनाई गई थी. यह उनकी चौथी बड़ी सजा है.
हालांकि, उनके खिलाफ पहले लगाए गए कई आरोपों को कोर्ट ने निलंबित या खारिज कर दिया है. इसमें राज्य के उपहार बेचने, गोपनीय दस्तावेज लीक करने और अवैध विवाह से जुड़े मामले शामिल हैं. अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था.
इमरान खान का दावा है कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामले राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं और उनका मकसद उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक प्रभाव को कम करना है.