
छत्तीसगढ़, 27 नवंबर: एक दिसम्बर से भूपेश सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी आरंभ कर रही है. राज्य में धान की खरीदी राजनीति और सामाजिक मुद्दा रहा है. भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel) कोरोना संकट के बावजूद भी धान (Rice) खरीदी में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देना चाह रही है. दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख फसल धान हैं. इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है. छत्तीसगढ़ धान खरीदने के लिए केन्द्र सरकार से डिमाण्ड के अनुसार बारदाना न मिलने के बाद भी अपने स्तर पर बारदाने की जुटाने की कवायद में जुटी है.
किसानों का किया था 9 हजार करोड़ रूपए का कर्ज माफ
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सत्ता की बागडोर संभालते हुए राज्य के 17 लाख 82 हजार किसानों का लगभग 9 हजार करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ कर और 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू कर किसानों से किए अपने वायदे को पूरा किया था. छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 2500 रूपए क्विंटल मूल्य पर राज्य के किसानों से 80.37 लाख मीट्रिक टन और खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 83.94 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया कीर्तिमान रचा था.
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244 करोड़ रूपए का सिंचाई कर माफ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित में एक और निर्णय लिया, वह था किसानों के उपर बकाया सिंचाई कर की माफी. राज्य के 17 लाख से अधिक किसानों पर बकाया सिंचाई कर की 244.18 करोड़ रूपए के कर माफ कर दिया गया. इसके साथ ही कृषि भूमि के अधिग्रहण पर मुआवजा राशि को दोगुना से बढ़ाकर चार गुना करने के साथ ही राज्य के 5 लाख से अधिक किसानों को निःशुल्क एवं रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराकर सालाना लगभग 900 करोड़ रूपए की राहत दी गई.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से 2500 रूपए क्विंटल में धान खरीदी का वायदा किया था. खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में जब फिर से 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बारी आई तो केंद्र सरकार ने 2500 रुपये समर्थन मूल्य में धान खरीदने पर सेंटर पूल से चावल नहीं खरीदने का अड़ंगा लगा दिया. ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को उनकी उपज का वाजिब हक एवं उनकी उपज का मूल्य दिलाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्य तिथि 21 मई 2020 से राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की.
इस योजना में धान के साथ मक्का एवं गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है. यह योजना कमोबेश ओड़िशा एवं आन्ध्रप्रदेश की किसान हितैषी योजना के जैसी है. इस योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि चार किश्तों में दी जा रही है. अब तक तीन किश्तों में किसानों को 4500 करोड़ रूपए की मदद सीधी मदद दी जा चुकी है.
न्याय योजना से लाभान्वितों में 90 फीसद लघु एवं सीमांत किसान
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