Bihar Elections 2020: AIMIM के ‘वोट मैनेजमेंट’ से बिहार में बड़े-बड़े धुरंधर पस्त, आंकड़ों से समझे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का कमाल
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits: Facebook)

Bihar Polls 2020: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के मैदान में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कमाल कर दिया है. एआईएमआईएम ने शानदार ‘वोट मैनेजमेंट’ से बिहार के कई दिग्गज नेताओं और चुनावी दलों का वोट समीकरण बिगाड़ दिया है. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में निर्णायक बढ़त बनाए हुए है. बिहार NDA में JDU को पीछे छोड़ BJP बनी वरिष्ठ सहयोगी

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता आसिम वकार ने पीटीआई से कहा कि खंडित जनादेश की स्थिति में पार्टी के रुख का फैसला पार्टी प्रमुख ओवैसी करेंगी, लेकिन पार्टी बीजेपी से संबंधित किसी गठजोड़ के साथ नहीं जाएगी. सीमांचल क्षेत्र में अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी है. बिहार के चुनाव नतीजों की तस्वीर अभी साफ नहीं है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि खंडित जनादेश की स्थिति में एआईएमआईएम की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम सुबह से ही लीड करती नजर आ रही है. एआईएमआईएम तीन सीटो पर जीत चुकी है और दो सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि वेबसाइट में रात 9 बजे तक एआईएमआईएम के 1.24 प्रतिशत वोट शेयर दिखाई दे रहे हैं. चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक एआईएमआईएम को अब तक 4,77,667 वोट मिले है.

वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने कुल 137 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. जबकि अब तक कुल वोटों में से 5.65 फीसदी वोट पाने के बावजूद एलजेपी एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई है. यहां तक कि एलजेपी को 21,82,848 वोट प्राप्त हुए है, लेकिन वह अभी भी कही लीड में नहीं है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिखाई जा रही सूची से एलजेपी आश्चर्यजनक रूप से गायब है. बिहार में चिराग पासवान विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन उनका किंगमेकर बनने का सपना टूट चुका है.

गौर हो कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने इस चुनाव में कई अन्य पार्टियों के साथ मिलकर ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट का गठन किया था और चुनाव मैदान में उतरे थे. इस गठबंधन में रालोसपा के अलावा एआईएमआई, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक और जनतांत्रिक पार्टी (समाजवादी) शामिल हैं. लेकिन एआईएमआईएम ही सफल होता नजर आ रहा है. उल्लेखनीय है कि रालोसपा चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल था, लेकिन चुनाव के दौरान वह महागठबंधन से अलग हो गया था.