बिहार (Bihar) में महागठबंधन का भविष्य खतरे में है. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन (Mahagathbandhan) को मिली करारी हार के बाद से ही टूट के संकेत मिल रहे थे. लेकिन अब महागठबंधन में शामिल पार्टियां साफ-साफ अलग होने के संकेत दे रही हैं. हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की बात कही थी. अब कांग्रेस (Congress) के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि महागठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था और कोई भी गठबंधन स्थायी नहीं होता. प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि जरूरी नहीं कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही चलेगा. विधानसभा चुनाव में आवश्यकता पड़ी तो एक विचारधारा रखने वाली पार्टियां मिलकर एक बार फिर से नया आकार दे सकती हैं.
इससे पहले जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नीत महागठबंधन ने लोकसभा चुनाव 2019 में उनकी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया. जीतन राम मांझी ने कहा था कि उनकी पार्टी के साथ ऐसा ही कुछ चार साल पहले बीजेपी नीत एनडीए के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी हुआ था. उन्होंने ऐलान किया था कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ सकती है. यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव ने दिल की बात में डबल इंजन वाली सरकार को बताया 'फिसड्डी', कहा- बिहार को है युवा नेतृत्व की जरूरत
उल्लेखनीय है कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी जबकि पार्टियां अपना खाता भी नहीं खोल पाई थीं.