नई दिल्ली: भारतीय रेल देश में लंबी दूरी की यात्रा का मुख्य साधन है. रोजाना लाखों यात्रियों को ट्रेन में यात्रा करते हैं. सफर के दौरान यात्री अक्सर ट्रेन में खाना ऑर्डर करते हैं और अपने सफर का आनंद लेते हैं. हालांकि, हाल के वर्षों में यात्रियों ने कई बार भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर सोशल मीडिया पर चिंता जताई है. हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया जब देहरादून शताब्दी ट्रेन में एक यात्री को पराठे में प्लास्टिक का तार मिला. इस घटना के बाद भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने ट्रेन के कैटरर पर 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.
इसके साथ ही IRCTC ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कैटरिंग सेवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए एक अधिकारी को बेस किचन का पूर्ण निरीक्षण करने के लिए भी नियुक्त किया है.
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क्या है मामला?
मामला तब सामने आया जब एक यात्री ने ट्रेन के पराठे में प्लास्टिक का तार मिलने की शिकायत की. इस शिकायत के बाद IRCTC ने तुरंत कार्रवाई की और दोषी कैटरर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना ठोका. इस घटना ने एक बार फिर से ट्रेन में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
IRCTC की सख्त कार्रवाई
IRCTC ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कैटरिंग सेवाओं की पूरी तरह से जांच का निर्णय लिया है. इसके लिए एक अधिकारी को विशेष रूप से बेस किचन का निरीक्षण करने और भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह कदम सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और यात्रियों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिले.