ग्वालियर: बुधवार को एक 66 वर्षीय महिला की ट्रेन में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. महिला को नजदीकी ग्वालियर स्टेशन पर समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण अस्पताल पहुंचाया नहीं जा सका, और उन्हें 'डेड ऑन अराइवल' घोषित कर दिया गया. महिला जिनका नाम विजया भारती था अपने पति के साथ आगरा से पुणे जा रही थीं. वे गोवा एक्सप्रेस में सफर कर रही थीं. ट्रेन में चढ़ने के दो-तीन घंटे बाद ही उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द महसूस हुआ. उनके पति ने ट्रेन के टीटीई को इसकी जानकारी दी. टीटीई ने तुरंत नजदीकी ग्वालियर स्टेशन को सूचित किया और एंबुलेंस तैयार रखने को कहा. लेकिन जब ट्रेन ग्वालियर स्टेशन पहुंची, तब तक 108 एंबुलेंस वहां नहीं पहुंची थी.
एम्बुलेंस की देरी से हुई मौत
टीटीई और अन्य यात्रियों ने महिला को प्राथमिक उपचार देने की कोशिश की, लेकिन एंबुलेंस के देर से आने के कारण महिला की हालत और बिगड़ गई. महिला के पति ने काफी देर इंतजार किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई. आखिरकार, उन्होंने एक निजी एंबुलेंस को बुलाया और महिला को अस्पताल ले जाया गया. दुर्भाग्य से, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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एंबुलेंस की देरी एक बड़ी समस्या
यह पहली बार नहीं है जब ग्वालियर स्टेशन या देश के किसी भी इलाके में एंबुलेंस के देरी से पहुंचने के कारण किसी की जान गई हो. देशभर से ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं. यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि अगर इमरजेंसी सेवाएं समय पर नहीं पहुंचतीं, तो लोगों की जान कैसे बचाई जा सकती है? विजया भारती की मौत ने एक बार फिर सरकारी तंत्र की कमियों को उजागर कर दिया है. समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण एक और जान चली गई.