नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया (INX Media Case) भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने जमानत का अनुरोध करते हुये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि सीबीआई सिर्फ उन्हें अपमानित करने के लिये ही हिरासत में रखना चाहती है. न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री या उनके परिवार के सदस्यों पर ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने कभी इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने या उनसे संपर्क करने का प्रयास किया हो.
उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार के आर्थिक नुकसान या धन हड़पने जैसा भी कोई आरोप नहीं है. दोनों अधिवक्ताओं ने कांग्रेस नेता की जमानत रद्द करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले के निष्कर्षो पर भी सवाल उठाये और कहा कि जमानत याचिका पर फैसला करते समय उसे मामले के गुण दोषों में नहीं जाना चाहिए था. न्यायालय ने कहा कि वह बुधवार को जांच ब्यूरो की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनेगा. पूर्व वित्त मंत्री ने इस मामले में उन्हें जमानत देने से इंकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है. यह भी पढ़े: INX मीडिया केस: पी चिदंबरम पर अब कसा ED का शिकंजा, 14 अक्टूबर तक प्रोडक्शन वारंट जारी
चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें लगातार जेल में बंद रखना ‘सजा के रूप’ में है और अज्ञात तथा अपुष्ट आरोपों के आधार पर किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता है. इस बीच, निचली अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को आईएनएक्स धन शोधन मामले में चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति दे दी और कहा कि यदि जरूरी हो, तो जांच एजेन्सी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.
केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने चिदंबरम को जमानत देने से इंकार करने संबंधी उच्च न्यायालय के उन निष्कर्षो को सोमवार को शीर्ष अदालत में चुनौती दी जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस के इस नेता के भागने का खतरा नहीं है और वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उनके भागने के खतरे और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना के पहलू चिदंबरम के पक्ष में जबकि गवाहों को प्रभावित करने संबंधी तीसरा बिन्दु उनके खिलाफ जाता है.
सीबीआई ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था और इस समय वह 17 अक्टूबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में हैं. जांच ब्यूरो ने वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ रूपए के निवेश की विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमित्ताओं के संबंध में 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी।