
केंद्रीय सरकार के नर्सिंग संस्थानों में नर्सिंग शिक्षण कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र अधिक होती है. नर्सिंग शिक्षण कर्मचारियों जिनके पास एमएससी (M.Sc.) नर्सिंग की डिग्री है, उन्हें 65 साल की उम्र तक सेवा करने की अनुमति होती है, बशर्ते कि वह 60 साल के बाद भी फैकल्टी सदस्य के रूप में अपनी सेवा जारी रखें. यह निर्णय नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में देखा जाता है, जो नर्सिंग शिक्षकों को लंबी सेवा का अवसर प्रदान करेगा.
नर्सिंग फैकल्टी के लिए 60 से 65 साल तक की सेवा
केंद्रीय सरकारी नर्सिंग संस्थानों में फैकल्टी के सदस्यों की रिटायरमेंट आयु 60 साल तक थी, लेकिन नर्सिंग शिक्षकों को 65 साल तक कार्य करने की अनुमति देने के इस नए फैसले से उनके अनुभव और ज्ञान का उपयोग लंबे समय तक किया जा सकेगा. यह फैसला विशेष रूप से उन नर्सिंग शिक्षकों के लिए फायदेमंद है, जो अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने की इच्छा रखते हैं.
60 साल के बाद सेवा जारी रखना अनिवार्य
नर्सिंग शिक्षकों को 65 साल तक कार्य करने के लिए यह शर्त रखी गई है, कि उन्हें 60 साल के बाद भी अपने कार्य को जारी रखना होगा. इसका मतलब यह है, कि नर्सिंग शिक्षक जो 60 साल की उम्र के बाद फैकल्टी सदस्य बने रहते हैं, वही 65 साल तक सेवा दे सकेंगे.
यह निर्णय नर्सिंग शिक्षकों के लिए अच्छा अवसर है, क्योंकि इससे उन्हें लंबी उम्र तक काम करने का मौका मिलेगा. अनुभवी शिक्षक जो अपने क्षेत्र में माहिर होते हैं, वह छात्रों को बेहतर शिक्षा दे सकते हैं. उनका गहरा अनुभव छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगा. यह कदम नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है और नर्सिंग क्षेत्र को मजबूत बनाता है.
नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. भारत में नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है, और ऐसे में नर्सिंग शिक्षकों का अनुभव और कौशल अत्यंत महत्वपूर्ण है. 60 से 65 साल तक की सेवा के अवसर से न केवल फैकल्टी में कार्यरत शिक्षकों को लाभ होगा, बल्कि नर्सिंग संस्थान भी अपने छात्रों को बेहतर और अनुभवी शिक्षकों से ट्रेंनिंग करा पाएंगे.