भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो रहा है MSME, युवाओं के सपने भी हो रहे है साकार
MSME (Photo Credits: Pixabay)

एमएसएमई यानि सूक्ष्म लघु और मध्यम आकार के उद्योग, जिन्होंने कोरोना काल के दौर में देश की अर्थव्यवस्था में प्राण फूंकने का काम किया है. चाहे मास्क, सैनिटाइजर बनाना हो या फिर पीपीई किट. एमएसएमई का हर सेक्टर में योगदान है. इतना ही नहीं एमएसएमई एक ऐसा क्षेत्र है,जो सबसे अधिक रोजगार प्रदाता क्षेत्र है. कोविड के दौरा आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज के दौरान एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया गया था. कह सकते हैं कि सूक्ष्म लघु और मध्यम आकार के उद्यम निरंतर सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए प्रयासरत हैं. दरअसल, हम एमएसएमई का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस है.

अर्थव्यवस्था को मजबूती देता एमएसएमई

अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम दिवस एमएसएमई की क्षमता और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में विश्व स्तर पर उसकी भूमिका को समझता है. इसी भूमिका को एक पहचान देते हुए हर साल की तरह इस साल 2022 का अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस 27 जून को मनाया जा रहा है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एमएसएमई दिवस की बधाई देते हुए कहा कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग न्यू इंडिया और आत्मनिर्भर भारत विजन के लिए महत्वपूर्ण है.

एमएसएमई मंत्रालय का उद्देश्य

एमएसएमई मंत्रालय का उद्देश्य खादी ग्रामोद्योग सहित सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों की बढ़ोतरी और विकास है, जिससे कि नए उद्यम और रोजगार के अवसर सृजित किए जा सके. मंत्रालय का दीर्घकालीन लक्ष्य कौशल और उद्यमिता विकास के माध्यम से एमएसएमई के कार्य निष्पादन में सुधार करके देश में विनिर्माण आधार को बढ़ावा देना है.

एमएसएमई मंत्रालय का कार्य

1.एमएसएमई को सुविधा और ऋण प्रवाह

2.एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा में सुधार

3.प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से विनिर्माण आधार में सुधार

4.क्लस्टर आधार संपर्क के माध्यम से एमएसएमई का संवर्धन करना

5.एमएसएमई को विपणन सहायता

6.कौशल विकास और उद्यमिता विकास प्रशिक्षण

7.प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के माध्यम से नए सूक्ष्म उद्यमों का सृजन

8.खादी और ग्रामोद्योग (केवीआई) क्षेत्र का विकास और वृद्धि

9.कयर उद्योग का विकास और वृद्धि

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा उनके प्रयासों को समय-समय पर सम्मानित भी किया जाता रहा है. हाल ही में एमएसएमई मंत्रालय ने इनके देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान के सम्मान में एमएसएमई सैल्यूट अभियान से जुड़ने की घोषणा की.

इतनी बड़ी आबादी के एक देश में एमएसएमई जैसी योजनाएं रोजगार के अवसर देकर हर स्तर के परिवार के जीवन यापन में सहारा बनती है. यह योजनाएं नौकरी के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और हर व्यक्ति को रोजगार सृजन करने का भी अवसर प्रदान करता है. सरकार द्वारा भी इसके अंतर्गत तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे राष्ट्र लाभान्वित हो रहा है.