![गृह मंत्रालय ने दी इजाजत, विश्वविद्यालयों में अब हो पाएगी परीक्षाएं गृह मंत्रालय ने दी इजाजत, विश्वविद्यालयों में अब हो पाएगी परीक्षाएं](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/09/02-3-380x214.jpg)
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिसके कारण स्कूल, कॉलेज को समेत सब कुछ बंद कर दिया गया था.लेकिन अनलॉक के शुरुवात के साथ ही कई जगहों पर छूट दी जाने लगी है. इसी कड़ी में अब सरकार ने बच्चों के पेंडिग पड़े परीक्षा को पूरा कराने की दिशा में कदम उठा रही है. गृह मंत्रालय की इजाजत मिलने के बाद अब यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूट्स में परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं. गृह मंत्रालय ने केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस से वचाव के लिए जारी किए गाइडलाइंस के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए फाइनल परीक्षाएं आयोजित कर सकते हैं. जिसमें फाइनल टर्म की परीक्षाएं अनिवार्य होंगी.
बता दें कि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने विश्वविद्यालयों और संस्थानों को परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने के लिए केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव को एक पत्र भेजा है. बयान में कहा गया है, परीक्षाओं के संबंध में यूजीसी और विश्वविद्यालयों के अकादमिक कैलेंडर के दिशा-निर्देशानुसार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मंजूर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार सालाना परीक्षाएं अनिवार्य रूप से आयोजित कराई जानी हैं.
ANI का ट्वीट:-
MHA, in a letter to Union Higher Education Secy, today permitted conduct of exams by universities&institutions. The final Term Exams are to be compulsorily conducted as per UGC Guidelines and as per the Standard Operating Procedure approved by Union Ministry of Health: MHA pic.twitter.com/mTHWTy0GZ3
— ANI (@ANI) July 6, 2020
बता दें कि देश में COVID-19 के रोकथाम के लिए पहली बार 25 मार्च से लॉकडाउन किया गया था. उसके बाद से सभी तरह की परीक्षाओं पर रोक लगी हुई है. वहीं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा और हरियाणा सहित कई राज्यों ने हायर एजुकेशन एग्जाम को रद्द कर चुके हैं. छात्रों के पिछले प्रदर्शनों के आधार पर आगे भेजने का फैसला किया है. वहीं राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर इस वर्ष प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं नहीं कराने का निर्णय लिया है. ( भाषा इनपुट)