नई दिल्ली:- महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) पर लगी अंतरिम रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने इनकार कर दिया है. मराठा आरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले की सुनवाई 25 जनवरी से होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि संविधान में 102 वां संशोधन विचाराधीन है, इसलिए कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल (Attorney General) को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ताओं (Advocates) से लिखित दलीलें देने को कहा है. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने रोक से पहले नौकरी के लिए चुन लिए गए 2185 लोगों को नियुक्त करने की अनुमति मांगी लेकिन अदालत आदेश देने से इनकार कर दिया.
बता दें कि इस वर्ष सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने से जुड़े महाराष्ट्र के सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी. आरक्षण समर्थक संगठनों के प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शीर्ष अदालत द्वारा लगाई रोक हटाने की मांग को लेकर आवेदन दिया है. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई, जिससे मराठाओं को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की अनुमति मिल गई थी. महाराष्ट्र में 'शरद पवार ग्रामीण समृद्धि योजना' होगी लागू, 3 साल में 10 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च, उद्धव सरकार आज लगा सकती है मुहर.
ANI का ट्वीट:-
Maratha Reservation matter: SC orders that the matter is heard from 25th January. Since the 102nd amendment to the Constitution is in question, the Court has issued notice to the Attorney General. The Court has asked the advocates to submit written arguments.
— ANI (@ANI) December 9, 2020
बंबई उच्च न्यायालय ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में दिए गए आरक्षण की वैधता को जून में बरकरार रखा था, लेकिन आरक्षण की मात्रा 16 प्रतिशत से घटा दी थी. शिक्षा में प्रस्तावित आरक्षण को 16 प्रतिशत से 12 प्रतिशत और नौकरियों में 13 प्रतिशत से नीचे लाते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि उच्च आरक्षण 'उचित नहीं' है. ( आईएएनएस इनपुट)