नई दिल्ली: जिम जाने वाले अक्सर प्रोटीन पाउडर लेते हैं. अगर आप भी प्रोटीन पाउडर लेते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें. क्या आप असली और नकली प्रोटीन पाउडर में अंतर जानते हैं... जी हां बाजार में कई नकली प्रोटीन पाउडर धड़ल्ले से बिक रहे हैं. इसका एक मामला नोएडा से सामने आया है. नोएडा के रहने वाले अतिम सिंह ने एक लोकप्रिय ब्रांड का प्रोटीन सप्लीमेंट ऑनलाइन ऑर्डर किया. लेकिन इस सप्लीमेंट का सेवन करने के बाद उनकी तबियत गंभीर रूप से खराब हो गई. उन्हें पेट और लिवर से जुड़ी समस्याएं और चेहरे पर पिंपल्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
अतिम सिंह को जब सप्लीमेंट पर शक हुआ, तो उन्होंने 9 दिसंबर को नोएडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच में पता चला कि यह प्रोडक्ट ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-86 स्थित एक फैक्ट्री से सप्लाई किया गया था. पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा. वहां बेसमेंट में तीन लोग नकली प्रोटीन पाउडर पैक करते हुए पकड़े गए.
क्या मिला फैक्ट्री में?
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ग्रेटर नोएडा) शक्ति मोहन अवस्थी के मुताबिक, फैक्ट्री के बेसमेंट से बड़ी मात्रा में नकली प्रोटीन पाउडर के डिब्बे, कैप्सूल बॉक्स, रैपर, पाउडर बैग, पैकिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन और सीलिंग मशीन बरामद हुई. इनकी कुल कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जा रही है.
कैसे होती थी ठगी?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गाजियाबाद के निवासी साहिल यादव (27), हर्ष अग्रवाल (28), और अमित चौबे (30) शामिल हैं. ये लोग नकली प्रोटीन सप्लीमेंट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए बेचते थे और इन्हें बाजार मूल्य से चार से पांच गुना अधिक कीमत पर बेचते थे.
स्वास्थ्य पर पड़ा खतरनाक असर
अतिम सिंह ने नकली प्रोटीन का सेवन किया, जिससे उनकी सेहत बिगड़ गई. पेट और लिवर से जुड़ी समस्याओं के अलावा उनके चेहरे पर अचानक पिंपल्स भी हो गए.
पुलिस पूछताछ में पता चला कि साहिल यादव ने 2017-2018 में हरियाणा की एक फूड सप्लीमेंट कंपनी एडवांस न्यूट्राटेक में काम किया था. वहां काम सीखने के बाद साहिल ने अपनी खुद की फर्जी कंपनी बनाई और अपने दोस्तों हर्ष और अमित को पार्टनर बना लिया. ये लोग सस्ते दामों पर कच्चा माल खरीदते थे और उससे नकली सप्लीमेंट तैयार करते थे.
नकली प्रोटीन पाउडर के खतरे
प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन आमतौर पर एथलीट्स, बॉडीबिल्डर्स और जिम जाने वाले युवा करते हैं. लेकिन नकली प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. नकली सप्लीमेंट का कारोबार केवल आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि यह लोगों की जान के लिए भी खतरा बन सकता है.