पाकिस्तान अलग-थलग! UN में ऑपरेशन सिंदूर का सिर्फ 3 देशों ने किया विरोध, लोकसभा में बोले विदेश मंत्री
S Jaishankar | X ANI

नई दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और पहलगाम हमले के बाद भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया पर विस्तृत बयान दिया. उन्होंने दो टूक कहा कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति 'जीरो टॉलरेंस' की है, और इस बार दुनिया ने भी भारत की मजबूती को समर्थन दिया. एस जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय कूटनीति चलाई. इसके नतीजे स्वरूप संयुक्त राष्ट्र के 190 देशों में से पाकिस्तान सहित केवल तीन देशों ने विरोध किया, जबकि बाकी सभी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदम का समर्थन किया.

22 अप्रैल से 17 जून तक पीएम मोदी और ट्रंप के बीच नहीं हुई कोई बातचीत, विदेश मंत्री ने मध्यस्थता के दावे को फिर नकारा.

जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि पहलगाम आतंकी हमला भारत की रेड लाइन क्रॉस करने जैसा था, और इसका जवाब देना बेहद जरूरी था. उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि इंडस वॉटर ट्रीटी (1960) को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता.

पाकिस्तान को दिया कड़ा जवाब: एस जयशंकर

पाकिस्तान की असलियत दुनिया के सामने रखी

भारत ने दुनिया को यह बताया कि पाकिस्तान लंबे समय से सीमापार आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है. जयशंकर ने कहा, “हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को समझाया कि कैसे यह हमला जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाकर भारत में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश थी.”

ट्रेड का ऑपरेशन सिंदूर से कोई लेना-देना नहीं

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से उठाए गए "मध्यस्थता और व्यापार" के दावे को भी विदेश मंत्री ने खारिज किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हुई किसी भी बातचीत में ऑपरेशन सिंदूर और व्यापार को जोड़कर कभी कोई बात नहीं हुई. पाकिस्तान से भी ‘एक्शन रोकने’ का अनुरोध केवल DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) के जरिए ही आया था.