कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी: अब तक 281 करोड़ के बेहिसाब कैश का खुलासा, 14.6 करोड़ जब्त
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- Pixabay)

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath)  के करीबियों पर आयकर विभाग की छापेमारी ( Income Tax department) जारी है. इस छापेमारी में आयकर विभाग ने बताया कि छापों के दौरान करीब 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी के रैकेट का पता लगाया है. वहीं राजधानी भोपाल और इंदौर सहित देश के अन्य हिस्सों में मारे गए छापों में 14 करोड़ 60 लाख से ज्यादा की नगदी. इसके आलावा आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश और दिल्ली के बीच हुए संदिग्ध भुगतान से जुड़ी डायरी तथा कंप्यूटर फाइलें अपने कब्जे में ली हैं.

आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, गैर सरकारी संगठन के संचालक अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी आदि के निवास व कार्यालय पर रविवार की सुबह दबिश दी थी. छापे में 14़6 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं. इसके अलावा दिल्ली में एक बड़े राजनीति दल के मुख्यालय को भी हाल ही में हवाला के जरिए 20 करोड़ रुपये भेजने का भी पता चला है. इस राशि को राजधानी के तुगलक रोड स्थित संबंधित वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी के आवास भेजा गया था. धन जमा और वितरित करने के संबंध में डायरियों, कंम्प्यूटर फाइलों और एक्सल सीट पाए गए हैं और इन सामानों को भी जब्त कर लिया गया है.

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बता दें कि जिन स्थानों पर छापेमारी चल रही है, वह पूरी तरह सीआरपीएफ की सुरक्षा में रहे. पुलिस बल को उसके आसपास भी जाने की अनुमति नहीं है. रविवार रात को सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच विवाद की स्थिति भी बन गई थी.

प्रचार में पैसे का होता यूज

सूत्रों की माने तो इस अभियान के दौरान बरामद नकदी का इस्तेमाल मध्यप्रदेश और दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार और मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए किया जा रहा था. सूत्रों के अनुसार छापे के दौरान भोपाल में एक जगह से जब्त नकदी को लाने के लिए विभाग से एक बड़ी गाड़ी भेजी गयी है.

कमलनाथ ने जताई थी नाराजगी

गौरतलब हो कि कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था, आयकर छापों के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है. स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा. लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले पांच साल के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया. कमलनाथ ने कहा था इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया. जब उनके पास विकास और अपने कामकाज के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है तो उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ इस प्रकार की तरकीब अपनाई. ( भाषा इनपुट )