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MP Shocker: ममता शर्मसार! नवजात का गला रेतकर कूड़ेदान में फेंका, गंभीर जख्म के बाद भी इलाज से मासूम की जान बची, मां-दादी गिरफ्तार

राजगढ़ जिले से ममता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अपने नवजात बच्ची को जन्म तो दिया, लेकिन उसे मरने के लिए अपनी दादी की मदद से उसका गला रेतकर कूड़ेदान में फेंक दिया. गंभीर जख्मों के बावजूद अस्पताल में करीब एक महीने तक चले इलाज के बाद नवजात बच्ची की जान बच गई.

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MP Shocker: ममता शर्मसार! नवजात का गला रेतकर कूड़ेदान में फेंका, गंभीर जख्म के बाद भी इलाज से मासूम की जान बची, मां-दादी गिरफ्तार

राजगढ़ जिले से ममता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अपने नवजात बच्ची को जन्म तो दिया, लेकिन उसे मरने के लिए अपनी दादी की मदद से उसका गला रेतकर कूड़ेदान में फेंक दिया. गंभीर जख्मों के बावजूद अस्पताल में करीब एक महीने तक चले इलाज के बाद नवजात बच्ची की जान बच गई.

देश Nizamuddin Shaikh|
MP Shocker: ममता शर्मसार! नवजात का गला रेतकर कूड़ेदान में फेंका, गंभीर जख्म के बाद भी इलाज से मासूम की जान बची, मां-दादी गिरफ्तार
Credit-(Latestly.Com)

MP Shocker: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से ममता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अपने नवजात बच्ची को जन्म तो दिया, लेकिन उसे मरने के लिए अपनी दादी की मदद से उसका गला रेतकर कूड़ेदान में फेंक दिया. गंभीर जख्मों के बावजूद अस्पताल में करीब एक महीने तक चले इलाज के बाद नवजात बच्ची की जान बच गई. इस घटना में आरोपित मां और दादी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

गले पर थे जख्म के निशान

यह घटना भोपाल के राजगढ़ जिले के पचोर के मेला ग्राउंड की है, जहां करीब 11 जनवरी को पहले कचरे के ढेर में एक दिन की नवजात बच्ची पाई गई, उसका गला आधा कटा हुआ था, और गर्दन पर लगभग 3 इंच लंबा घाव था. पुलिस की जांच में यह सामने आया कि बच्ची के जन्म के बाद उसे मारने के लिए उसके गला रेतकर भेंक दिया गया. लेकिन ऊपर वाले का चमत्कार था कि वह बच गई. यह भी पढ़े: Pratapgarh Shocker: इंसानियत हुई शर्मसार! महिला ने चलती कार से नवजात को फेंका बाहर, पुल के रेलिंग से सिर टकराकर बच्चे की मौत, भयावह वीडियो आया सामने (Watch Video)

बच्ची का करीब 1 महीने तक अस्पताल में चला इलाज

बच्ची को कूड़ेदान से बरामद करने के बाद इलाज के लिए भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल लाया गया. जहां पर करीब एक महीने के इलाज के बाद बच्ची की डॉक्टरों ने जान बचाई. जिस बच्ची की नामा अस्पताल की तरह से पीहू रहा रखा गया है.

बच्ची को अनाथ आश्रम को सौंप गया

कमला नेहरू अस्पताल के HOD डॉक्टर धीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, हमने बच्ची को बाल कल्याण समिति की अनुमति से राजगढ़ के एक शेल्टर होम में सौंप दिया है. यह पिछले कुछ महीनों में तीसरा ऐसा मामला है। हमने एक बच्ची का नाम 'खुशी' रखा था, और इस नवजात का नाम पिहू' रखा.

एनसीआरबी की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 175 नवजात बच्चों को जन्म के बाद छोड़ दिया गया या झाड़ियों में फेंक दिया गया। इस मामले में 174 केस दर्ज किए गए, जो देश में सबसे ज्यादा हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि देश भर में बच्चों को छोड़ने के कुल 831 मामलों में से 21% मामले मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए.

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