करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) को लेकर अटारी (Attari) में बुधवार को भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच तीसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिख श्रद्धालुओं (Sikh Pilgrims) के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने में पाकिस्तान ने यह कहकर अड़ंगा लगा दिया कि वे सभी तीर्थयात्रियों से 'सर्विस फीस' (Service Fee) वसूलेंगे. इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत की उस मांग को भी खारिज कर दिया है जिसमें उसने करतारपुर गलियारे में आने-जाने के दौरान सिख तीर्थयात्रियों के साथ प्रोटोकॉल अधिकारी को भेजने की बात कही थी. मालूम हो कि जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच यह दूसरी बैठक थी.
पाकिस्तान के वाघा में जुलाई में हुई आखिरी संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान प्रतिदिन 5,000 सिख श्रद्धालुओं को देश में स्थित करतारपुर साहिब गुरूद्वारा आने की अनुमति देगा. प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा.
Attari-Wagah border: The Pakistani team return to their side after India-Pakistan's third meeting regarding Kartarpur corridor, held at Attari today. pic.twitter.com/Sw0eaoTqGk
— ANI (@ANI) September 4, 2019
इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा. पाकिस्तान भारतीय सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से सीमा तक के दूसरे हिस्से का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा. यह भी पढ़ें- पाकिस्तान ने जताई उम्मीद, अटारी बैठक में तय हो जाएगा करतारपुर गलियारा समझौते का मसौदा
Sources on India-Pak's 3rd meeting on Kartarpur corridor: Pakistan has also shown its unwillingness to allow the presence of Indian Consular or Protocol officials at the Gurdwara premises. Pakistan side was urged to reconsider its position. https://t.co/psqVwqLa0W
— ANI (@ANI) September 4, 2019
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर पिछले साल 12 नवम्बर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में अब भी तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं. यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा.