नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल (Ajit Doval) धारा 370 हटने के बाद से लगातार जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) के हालात पर नजर बनाए हुए है. बताया जा रहा है कि ईद से पहले उन्होंने श्रीनगर के लाल चौक सहित कई इलाकों का दौरा किया और लोगों से बातचीत कर जमीनी हकीकत को जानने की कोशिश की.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक एनएसए अजीत डोभाल ईद के दिन अपनी पूरी टीम के साथ श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके में पहुंचे. इन इलाकों में सौरा, पंपोर, लाल चौक और हजरतबल शामिल हैं. सौरा श्रीनगर का वो इलाका है जहां पहले भारत विरोधी प्रदर्शन हुआ करते थे. इसके अलावा डोभाल ने पुलवामा और अवंतीपुरा जिले का भी दौरा किया. सभी क्षेत्रों में ईद का जश्न शांतिपूर्वक चल रहा है.
#JammuAndKashmir: NSA Ajit Doval today did a recce of entire SRINAGAR including downtown, Soura, Pampore, Lal chowk, Hazratbal; also of Pampore, Budgam, South kashmir districts of Pulwama, Awantipora. Eid celebrations were going on peacefully in all areas. #EidAlAdha pic.twitter.com/VxAgmpiO8K
— ANI (@ANI) August 12, 2019
राज्य के दौरे पर पहुंचने के बाद से ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लगातार आम लोगों से मेल-मुलाकात कर रहे है. वह खुद जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों से बात कर उन्हें समझते नजर आए कि उनका एकमात्र विकल्प भारत और उसका विकास मॉडल है.
पुंछ जिले की तस्वीरें-
POONCH: Locals greeted District Magistrate, Rahul Yadav, and police officials after offering namaaz at a mosque on the occasion of #EidAlAdha #JammuAndKashmir pic.twitter.com/JyjiUv8mgT
— ANI (@ANI) August 12, 2019
डोभाल घाटी में अर्धसैनिक बल, सेना के कमांडरों और अन्य एकीकृत कमान के साथ लगातार संपर्क में हैं. राज्य में धारा 144 लागू कर और स्थानीय आबादी का पाकिस्तान से संपर्क तोड़ कर केंद्र सरकार ने एक बड़ी राजनीतिक और कूटनीतिक जीत हासिल की है. सूबे की पुलिस के मुताबिक अब तक कोई भी बड़ी हिंसक घटना नहीं हुई है.
बारामूला की तस्वीरें-
BARAMULLA: Devotees offer namaaz on the occasion of #EidAlAdha #JammuAndKashmir pic.twitter.com/WOmGy5Ta8K
— ANI (@ANI) August 12, 2019
गौरतलब हो कि जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करके विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद तीनों सेनाएं किसी भी नतीजे से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर हैं. भारत का इस निर्णय पर दृढ़ मत है कि यह देश का आंतरिक मामला है जबकि पाकिस्तान इस कार्रवाई को एकपक्षीय और अवैध करारा दिया है.