नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद (Jaffrabad) इलाके में रविवार शाम दो समूहों के बीच झड़प हो गई. बीती रात से यहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के लिये बड़ी संख्या में लोग जमा हैं. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) के बाद जाफराबाद में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. जाफराबाद प्रदर्शन के जवाब में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) और उनके समर्थक सड़क उतरे हैं. ये लोग जाफराबाद और चांद बाग में सड़कें खुलवाने की मांग कर रहे हैं.
जाफराबाद से सटे मौजपुर में दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी. जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट सैंकड़ों सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सीलमपुर, मौजपुर और यमुना विहार को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया था, जिसके बाद से इलाके में तनाव है. यह भी पढ़े-CAA Protest: जाफराबाद में सीएए प्रदर्शन के जवाब में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का धरना, मौजपुर चौराहे को किया जाम; ट्वीट कर कही ये बड़ी बात
ANI का ट्वीट-
Delhi: Stone pelting between two groups in Maujpur area, tear gas shells fired by Police. https://t.co/Pqm7REZMGW pic.twitter.com/yJYHsUbuwk
— ANI (@ANI) February 23, 2020
वही इस दौरान दिल्ली पुलिस तमाशा देखती रही और जब हालात काबू से बाहर होने लगे तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. खबर है कि पथराव के चलते कई लोग घायल भी हुए हैं.
ANI का ट्वीट-
Alok Kumar, Joint Commissioner of Police (Eastern Range): Stones were also pelted at the police, the situation has been brought under control. Adequate personnel have been deployed and are conducting flag marches. (file pic) https://t.co/CCpVlJxmsq pic.twitter.com/fxEKm3DRgw
— ANI (@ANI) February 23, 2020
वही मौजपुर में हुई पथरबाजी और हिंसक प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस की तरफ से बयान सामने आया है. पुलिस का कहना है कि हालात फिलहाल काबू में हैं.दिल्ली पुलिस के जॉइंट कश्मीर आलोक कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस पर भी पथराव किया गया है. स्थिति अब नियंत्रण में है.
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के चलते शाहीन बाग-कालिंदी कुंज-सरिता विहार रोड, वजीराबाद-चांद बाग रोड और मौजपुर-जाफराबाद रोड भी अब बंद हो गया है. इनकी मांग है कि केंद्र सरकार नागरिकता कानून को वापस ले.
(भाषा इनपुट के साथ)