भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पूरे भारत से 100 से अधिक छात्रों का चयन करेगा और उन्हें नए ‘यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम’ (Young Scientist Programme) के तहत सैटेलाइट (Satellite) कैसे तैयार किया जाता है, इसका व्यावहारिक अनुभव (Practical Experience) प्रदान करेगा. इसरो के प्रमुख के. सिवन (K. Sivan) ने शुक्रवार को यह घोषणा की. यह पहल युवाओं को इस विज्ञान की ओर आकर्षित करने के लिए शुरू की जा रही है. इसकी संकल्पना नासा (NASA) द्वारा संचालित किए जा रहे इसी प्रकार के कार्यक्रम से ली गई है.
सिवन ने बताया कि इसमें अधिकतर कक्षा आठ के छात्र होंगे जिन्हें 29 प्रदेशों और सात केंद्र शासित प्रदेशों से 3-3 छात्रों को चुना जाएगा. इनको इसरो के वैज्ञानिक व्याख्यान देंगे और उन्हें इसरो की प्रयोगशाला में प्रवेश की अनुमति भी मिलेगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को पूरी तरह से इसरो द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा. यह भी पढ़ें- मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा बोले, EVM से छेड़छाड़ संभव नहीं, इन्हें ‘फुटबॉल’ मत बनाइए
इसरो माइक्रोसैट-आर 24 जनवरी को करेगा लॉन्च
इसरो 24 जनवरी को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष तट से एक इमेजिंग सैटेलाइट माइक्रोसैट-आर लॉन्च करेगा. इसरो ने अपने एक एक बयान में कहा कि धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएलएलवी-सी44) की 46वीं उड़ान से माइक्रोसैट-आर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 24 जनवरी को पहले लॉन्च पैड से छोड़ा जाएगा. देश का एकमात्र स्पेसपोर्ट श्रीहरिकोटा में स्थित है, यह चेन्नई से 90 किमी उत्तरपूर्व में है.
भाषा इनपुट