दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान सेना के बेड़े में शामिल, पड़ोसी मुल्क में दहशत
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ( फोटो क्रेडिट- FB)

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (India Air Force) जल्द ही स्वदेशी लड़ाकू विमान (Fighter Aircraft) से लैस होगी, इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारतीय वायु सेना को जल्द ही तीन हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों (LCH) का पहला बैच देने के लिए कमर कस रहा है. यह 03 हेलीकॉप्टर सेना और वायुसेना के लिए स्वीकृत 15 लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (LSP) का हिस्सा हैं. एलएसपी के तहत वायु सेना और सेना (Army) के लिए पांच-पांच एलसीएच का उत्पादन करने के लिए एचएएल को कहा गया है. भारतीय वायुसेना ने खुद के लिए 65 और सेना ने 114 एलसीएच हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता बताई है. Jammu Air Force Station: एनआईए की एक टीम रविवार को जांच के लिए जम्मू वायु सेना स्टेशन पहुंची

एलएसपी के 15 हेलीकॉप्टरों में 10 वायुसेना और पांच सेना को मिलेंगे

रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने एचएएल निर्मित 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) के प्रारंभिक बैच के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. एलसीएच को भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना में शामिल करने के लिए संबंधित एजेंसी ने प्रमाणित किया है. वायुसेना ने सीमित संख्या में 15 हेलीकॉप्टरों के उत्पादन के लिए एचएएल को अनुरोध पत्र जारी किया था, जिसमें 5 सेना हेलीकॉप्टर सेना को मिलेंगे. 15 एलसीएच के सौदे पर 2021 की पहली तिमाही में हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी की दूसरी लहर के कारण इसमें देरी हुई है. अब एचएएल को सरकार से लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) के लंबित अनुबंध को अंतिम रूप देने के लिए आशय पत्र प्राप्त हुआ है. एलएसपी के तहत वायु सेना और सेना के लिए पांच-पांच एलसीएच का उत्पादन करने के लिए एचएएल को कहा गया है. एलएसपी के 15 हेलीकॉप्टरों में से 10 वायुसेना के लिए और पांच सेना के लिए हैं.

पहले बैच में वायुसेना को मिलेंगे तीन हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर

एचएएल ने संकेत दिया है कि पहले बैच में भारतीय वायुसेना को जल्द ही तीन हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर दे दिए जायेंगे. एलएसपी श्रृंखला के तहत चालू वर्ष में सेना के लिए चार और वायु सेना के लिए दो एलसीएच का उत्पादन पूरा कर लिया जायेगा. शेष छह एलसीएच का उत्पादन अगले साल किया जाएगा. एलसीएच 5.5 टन वजन का दुनिया का सबसे हल्का अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे एचएएल ने भारतीय सशस्त्र बलों की विशिष्ट और अनूठी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन और विकसित किया है. यह 12 हजार फीट की ऊंचाई पर काम कर सकता है.

आर्मी एविएशन पहली बार होंगे हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर

आर्मी एविएशन में छोटे उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टरों का संचालन किया जाता है और उसके बेड़े में लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं होते हैं. इसलिए यह हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के हवाई बेड़े की जरूरत पूरी करेंगे. थल सेना को नजदीकी हवाई सहायता देने के लिए वायु सेना लड़ाकू हेलीकॉप्टर के बेड़े का संचालन करती है. वायुसेना के पास पुराने एमआई-25 और एमआई-35 रूसी अटैक हेलीकॉप्टर हैं, जो चरणबद्ध तरीके से विदाई होने की प्रक्रिया में हैं. वायुसेना ने अमेरिकी 22 एएच-64ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर भी अपने बेड़े में शामिल किये हैं. सेना को भी 2023 की शुरुआत से अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर मिलने शुरू हो जायेंगे.

मौजूदा समय में थल सेना के पास 90 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और 75 रुद्र हथियार युक्त एएलएच सेवा में हैं, जिन्हें एचएएल ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है. इसके अलावा लगभग 160 पुराने चीता और चेतक उपयोगिता हेलीकॉप्टर हैं जिनका तकनीकी जीवन 2023 से खत्म होना शुरू हो जायेगा. पिछले अगस्त में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच दो एलसीएच को लेह में उच्च ऊंचाई पर संचालन के लिए भारतीय वायुसेना मिशनों का समर्थन करने के लिए उनकी क्षमता को मान्य करने के लिए तैनात किया गया था.