यमन की सर्वोच्च अदालत ने एक भारतीय महिला को फांसी की सजा सुनाई है. 13 नवंबर को मलयाली नर्स निमिषा प्रिया की उस अपील भी को खारिज कर दिया गया, जिसमें राहत की मांग की गई थी. अब अंतिम निर्णय वहां के राष्ट्रपति को लेना है.
केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी है. केंद्र की तरफ से यह जवाब निमिषा की मां द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया है. बता दें कि याचिका में पीड़ित परिवार यमन की यात्रा करने की अनुमति मांग रहा है. ये भी पढ़ें- कतर में 8 भारतीयों की मौत की सजा के खिलाफ भारत ने उठाया बड़ा कदम, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
क्यों मिली सजा?
आरोप है कि निमिषा का पासपोर्ट तलाल अब्दो महदी के पास था. उसे वापस पाने के लिए नर्स ने उसे नशे वाला इंजेक्शन दिया. निमिषा को महदी ने कथित तौर पर यातना दी थी. पिछले साल एक पीठ ने याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें पीड़ित परिवार के साथ बातचीत की सुविधा देने और यमन कानून के अनुसार ब्लड मनी का भुगतान करके प्रिया को मृत्युदंड से बचाने का निर्देश देने की मांग की गई थी. हालांकि, बाद में एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील को एक खंडपीठ ने खारिज कर दिया.
यमन में भारतीय महिला को मिली मौत की सजा
◆ मलयाली नर्स निमिषा प्रिया ने सजा के ख़िलाफ़ अपील की थी, जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया, अब अंतिम निर्णय राष्ट्रपति को लेना है #Yemen | Yemen pic.twitter.com/YEnsYN5veR
— News24 (@news24tvchannel) November 17, 2023
क्या है ब्लड मनी
ब्लड मनी को न्याय का तरीका माना जाता है. हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे की रकम को ब्लड मनी कहा जाता है. यह धनराशि हत्या करने वाला चुकाता है और बदले में पीड़ित परिवार उसकी सजा माफ कर देता है.यह रकम तभी दी जा सकती है जब पीड़ित पक्ष लेने के लिए तैयार हो.