ISRO Gaganyaan Module Recovery: भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो (MARCOS) गगनयान क्रू मॉड्यूल की रिकवरी के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. प्रशिक्षण केरल के कोच्चि में जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा (डब्ल्यूएसटीएफ) में आयोजित किया जा रहा है. मार्कोस कमांडो को विभिन्न प्रकार के कौशल में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं.
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है. इसे दिसंबर 2023 में लॉन्च किया जाना है. क्रू मॉड्यूल हिंद महासागर में उतरेगा और इसकी रिकवरी के लिए मार्कोस कमांडो जिम्मेदार होंगे.
मार्कोस कमांडो का प्रशिक्षण गगनयान मिशन की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. क्रू मॉड्यूल और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित बरामदगी सुनिश्चित करने में कमांडो महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
Indian Navy's Marcos special forces operatives training for ISRO's Gaganyaan module recovery!
Literally jumping from that height, as if it's nothing😬🏴☠️ pic.twitter.com/Wlrj47NWQL
— KiloMike2🇮🇳 (@TacticalKafir) August 27, 2023
ये है भारत का मिशन गगनयान
ISRO मिशन गगनयान के तहत साल के आखिर में दो शुरुआती अंतरिक्ष मिशन भेजेगा. इसमें एक मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा. दूसरे मिशन में व्योममित्र नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी.
शुरुआती मिशन का मकसद यह तय करना है कि गगनयान रॉकेट जिस मार्ग से जाए उसी मार्ग से सुरक्षित भी लौटे यानी इसके कामयाब होने के बाद ही 2024 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
तीसरे मिशन की स्पेस फ्लाइट में दो इंसानों को भेजा जा सकेगा. ये लोग 7 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे. मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स को रूस भेजकर स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग भी दी गई है.
स्पेस में जाने वाले इन एस्ट्रोनॉट्स को गगनॉट्स कहा जाएगा. भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स में एक ग्रुप कैप्टन हैं. बाकी तीन विंग कमांडर हैं, जिन्हें गगनयान मिशन के लिए तैयार किया जा रहा है. इन्हें बेंगलुरु में ट्रेनिंग दी जाएगी.