भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति (Act East Policy) के अनुपालन में भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी तैनाती के हिस्से के रूप में आज मुआरा, ब्रुनेई (Brunei) पहुंचे. मुआरा, ब्रुनेई में अपने प्रवास के दौरान दोनों जहाजों के चालक दल रॉयल ब्रुनेई नौसेना के साथ विभिन्न द्विपक्षीय पेशेवर बातचीत में हिस्सा लेंगे. वाइस एडमिरल घोरमडे ने भारतीय नौसेना के उपप्रमुख के तौर पर प्रभार संभाला
इस युद्धाभ्यास से दोनों देशों की नौसेनाओं को अंतर-संचालन में बढ़ोत्तरी करने, श्रेष्ठ प्रकियाओं से लाभ उठाने और समुद्री सुरक्षा परिचालन के लिए साझा समझ विकसित करने का अवसर उपलब्ध होगा. बंदरगाहों पर होने वाली बातचीत और समुद्रीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं द्वारा साझा किए गए घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत बनाना है. यह अभ्यास भारत-ब्रुनेई रक्षा संबंधों को अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक और कदम साबित होगा. यह द्विपक्षीय अभ्यास 12 अगस्त 2021 को समुद्र में रॉयल ब्रुनेई नौसेना के साथ एक ‘पैसेज’ अभ्यास के साथ समाप्त होगा.
कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में सभी बातचीत और अभ्यास 'नॉन-कांटेक्ट' गतिविधियों के रूप में ही आयोजित किए जाएंगे, इसलिए इस अभ्यास में भाग ले रही दोनों नौसेनाओं के कर्मियों के बीच निश्चित दूरी बनाए रखने का अनुपालन किया जायेगा.
भारतीय नौसेना के शिवालिक और कदमत स्वदेशी रूप से नवीनतम डिजाइन और निर्मित, बहु उद्देश्यीय गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट और एंटी-सबमरीन कार्वेट जहाज हैं, जो पूर्वी नौसेना कमान के तहत विशाखापत्तनम स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं. दोनों जहाज हथियारों और सेंसरों की एक बहु-उपयोगी श्रृंखला से लैस हैं. ये बहु-भूमिका निभाने वाले हेलीकॉप्टरों को ले जा सकते हैं तथा भारत की युद्धपोत-निर्माण क्षमताओं की परिपक्वता को दर्शाते हैं.
रॉयल ब्रुनेई नौसेना के साथ द्विपक्षीय अभ्यास पूरा होने पर ये दोनों जहाज जापानी मेरीटाइम सेल्फथ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ), रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) और यूनाइटेड स्टेट्स नौसेना (यूएसएन) के साथ मालाबार-21 अभ्यास में भाग लेने के लिए गुआम जाएंगे.