पटना: लीची से होने वाली संदिग्ध एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) से निपटने के लिए आने वाले समय में मोदी सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. बिहार में इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण अब तक 73 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों भर्ती है. इसी के मद्देनजर रविवार को स्थिति का जायजा लेने और समीक्षा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) मुजफ्फरपुर जा रहे है.
अधिकारिक बयान के मुताबिक केन्द्र सरकार एईएस के मामलों में हो रही बढ़ोतरी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए बिहार सरकार की पूरी मदद कर रही है. वहीं हर्षवर्धन ने कहा “मैं राज्य सरकार के साथ मौके पर स्थिति का जायजा लेने और समीक्षा करने के लिए मुजफ्फरपुर जा रहा हूं. मैं वहां तैनात बहु-विषयक टीमों के साथ बातचीत करूंगा और राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करूंगा.”
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इस दौरान केंद्र की उच्च स्तरीय विशेषज्ञ टीम द्वारा की जा रही सिफारिशों के प्रबंधन उपायों पर चर्चा की जाएगी. साथ ही स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाए. इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालय की भी मदद ली जाएगी.
Dr. Shailesh Prasad Singh, Civil Surgeon, Muzaffarpur: Death toll rises to 73 due Acute Encephalitis Syndrome (AES). #Bihar https://t.co/7ZyuvKtsIY
— ANI (@ANI) June 15, 2019
हर्षवर्धन ने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में केंद्रीय और राज्य टीमों की निरंतर मौजूदगी और उनकी निवारक कार्रवाइयों से जनता में विश्वास बढ़ा है. हम जल्द ही एईएस मामलों में हो रही बढ़ोतरी को रोकने में सक्षम होंगे.
गौरतलब हो कि बिहार में शनिवार को 16 और बच्चों की मौत के बाद संदिग्ध इंसेफेलाइटिस से मरने वालों की संख्या 69 हो गई है. इससे पहले बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शुक्रवार को यह आंकड़ा 57 बताया था. सभी का इलाज पटना से 75 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर के अस्पताल में चल रहा था. हालांकि अनाधिकारिक तौर पर अब तक जिले में 80 से अधिक बच्चों की मौत होने की खबर है.