नई दिल्ली: सोमवार को आयोजित 54वीं जीएसटी परिषद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने की घोषणा की. इसके अलावा, नमकीन और अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जीएसटी दर को 18% से घटाकर 12% करने का फैसला लिया गया है. स्वास्थ्य बीमा पर दरों में कटौती के लिए मंत्रियों का एक समूह (GoM) भी गठित किया गया है, जो इस मुद्दे पर सिफारिशें करेगा. जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में लिए गए निर्णय आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण राहत लेकर आए हैं.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 फीसदी से कम करने पर व्यापक रूप से सहमति हो गई. लेकिन, इस पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में लिया जाएगा. इस बैठक में बीमा प्रीमियम पर GST लगाए जाने के फैसले को टाल दिया गया है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक नवंबर में होने वाली है. मीटिंग के बीच उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने बताया कि तीर्थयात्रा पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है.
महत्वपूर्ण फैसले
कैंसर की दवाओं पर GST में कटौती
कैंसर के इलाज की लागत को कम करने के उद्देश्य से कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने का निर्णय लिया. इसमें शामिल प्रमुख दवाएं हैं – ट्रास्टुजुमैब डेरुक्सटेकैन, ओसिमेर्टिनिब और डुर्वालुमैब. इस फैसले से कैंसर के मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इन दवाओं की कीमतें काफी अधिक होती हैं.
नमकीन और कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर में कमी
जीएसटी परिषद ने नमकीन और अन्य स्नैक्स की जीएसटी दर को 18% से घटाकर 12% कर दिया है. हालांकि, यह बदलाव प्रॉस्पेक्टिव (आगामी) तौर पर लागू होगा, यानी यह परिवर्तन केवल भविष्य में लागू होगा, पिछली तारीखों से नहीं.
स्वास्थ्य बीमा पर दर में कटौती की सिफारिश के लिए GoM गठित
परिषद ने स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों में कटौती पर विचार करने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक नया समूह गठित किया है. यह समूह अक्टूबर 2024 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, और परिषद नवंबर में इस पर अंतिम निर्णय करेगी. स्वास्थ्य बीमा की दरों में कटौती से जनता को बढ़ते मेडिकल खर्चों के बीच सीधा लाभ मिलेगा.
कंपनसेशन सेस पर मंत्रियों का समूह
कंपनसेशन सेस, जो कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को मुआवजा देने के लिए लगाया गया था, मार्च 2026 तक लागू रहेगा. इस सेस को बैक-टू-बैक लोन और उनके ब्याज की भरपाई के लिए एकत्र किया जा रहा है. उम्मीद है कि जनवरी 2026 तक सभी लोन और ब्याज चुकता हो जाएंगे, और मार्च 2026 तक कंपनसेशन सेस समाप्त हो जाएगा. इस विषय पर और अध्ययन करने के लिए मंत्रियों का एक और समूह गठित किया गया है.
शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लिए जीएसटी छूट
सरकार से जुड़ी शैक्षणिक संस्थाओं और अनुसंधान केंद्रों को जीएसटी से छूट दी जाएगी, जब वे शोध और विकास सेवाएं प्रदान करते हैं. यह छूट उन विश्वविद्यालयों और शोध केंद्रों पर लागू होगी जो केंद्र या राज्य सरकार के कानून द्वारा स्थापित हैं या जिन्होंने आयकर छूट प्राप्त की है. इससे शिक्षा और शोध से जुड़े कार्यों में वित्तीय बोझ कम होगा, और इस क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा.