नई दिल्ली: जल्द ही देश को पहला लोकपाल (Lokpal) मिलने वाला है. बताना चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल बनाने की सिफारिश की गई है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi), लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने शुक्रवार को उनका नाम तय किया और उनके सिफारिश की. खबर है कि इस बावत सोमवार को आधिकारिक घोषणा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पिनाकी चंद्र घोष (PC Ghose) फिलहाल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य हैं. मालूम हो कि लोकपाल की मांग को लेकर ही अन्ना हजारे की अगुवाई में बड़ा आंदोलन हो चुका है.
बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने की सरकार की पेशकश को लगातार सातवीं बार खारिज करते हुए कहा था कि ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति का हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है.
पीसी घोष सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मई 2017 को रिटायर हुए थे, वे इस वक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं. पीसी घोष तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की सहयोगी रही शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहरा चुके हैं.
किरण बेदी (Kiran Bedi) ने लोकपाल की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि लोकपाल की घोषणा के बारे में जानकार बहुत खुशी हुई. यह देश की सभी भ्रष्टाचार विरोधी प्रणालियों को मज़बूत करेगा और सभी स्तरों पर सतर्कता के काम को बढ़ावा देगा. किरण बेदी ने इसके लिए अन्ना हजारे का भी धन्यवाद किया है. बता दें, अन्ना हजारे ने देश में लोकपाल के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया था.
अन्ना आंदोलन से उठी थी मांग.
गौरतलब है कि लोकपाल की मांग को लेकर देश में 2012 में जोरदार राजनीतिक आंदोलन हुआ था. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare), दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), पुदुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी (Kiran Bedi) समेत कई जानी मानी-हस्तियों ने देश में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर तत्कालीन मनमोहन सरकार (Manmohan Singh Govt) के खिलाफ देश भर में विशाल राजनीतिक आंदोलन चलाया था.