![अच्छी पहल! चुराई गई कलाकृतियों को वापस अपने देश ला रही मोदी सरकार, ASI को सौंपे गए 101 जब्त पुरावशेष अच्छी पहल! चुराई गई कलाकृतियों को वापस अपने देश ला रही मोदी सरकार, ASI को सौंपे गए 101 जब्त पुरावशेष](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2024/02/ASI-380x214.jpg)
नई दिल्ली, 29 फरवरी: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 101 मूल्यवान पुरावशेष सौंपे, जो सीमा शुल्क विभाग के विभिन्न क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा तस्करों से जब्त किए गए थे. पुरावशेषों में मध्यकालीन काल की भगवान विष्णु (पेरुमल) की एक मूर्ति भी शामिल है.
इनमें से कुछ पुरावशेषों को 'धरोहर' - गोवा में राष्ट्रीय सीमा शुल्क और सीजीएसटी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा. वित्तमंत्री ने दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, भोपाल, भुवनेश्वर और गुवाहाटी सहित सात अलग-अलग स्थानों पर आयोजित हैंड-ओवर समारोह की वर्चुअल तौर पर अध्यक्षता की.
मंत्री ने एक ब्रोशर 'पूर्वाशेष के प्रहरी' भी जारी किया, जिसमें उन चुनिंदा पुरावशेषों को दर्शाया गया है जो समारोह का हिस्सा थे. वित्तमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विभिन्न देशों से चुराई गई कलाकृतियां और पुरावशेष भारत वापस लाए जाएं, जिसके लिए द्विपक्षीय बातचीत होती रहती है.
Union Minister @nsitharaman virtually presides over handing-over ceremony of 101 antiquities seized by Customs to the Archaeological Survey of India (ASI)
Prime Minister @narendramodi has been making sure that stolen artefacts and antiquities are brought back to India from… pic.twitter.com/Whz5XAE2mD
— PIB India (@PIB_India) February 29, 2024
हाल के दिनों में कई कलाकृतियों और पुरावशेषों को वापस लाया गया है और पुरावशेषों के इन 101 जब्त लेखों के साथ, सीमा शुल्क भारत के समृद्ध इतिहास में योगदान दे रहा है. निर्मला ने आगे कहा कि सीमा शुल्क विभाग और इसके तहत आने वाली संस्थाएं 'आर्थिक सीमाओं के संरक्षक' हैं.
अपनी समापन टिप्पणी में वित्तमंत्री ने संबंधित अधिकारियों द्वारा धार्मिक ग्रंथों, कलाकृतियों, पुरावशेषों को उनकी संवेदनशील स्थिति और ऐतिहासिक संदर्भ के कारण उचित देखभाल और सम्मान के साथ संभालने पर जोर दिया.
सौंपे गए दो उल्लेखनीय पुरावशेषों में पाम लीफ पांडुलिपि शामिल है, जिसमें ऊपर और नीचे कठोर लकड़ी के समर्थन कवर के साथ 155 पत्तियां हैं.
कहा जाता है कि इसकी रचना शास्त्रीय चंपू में आधुनिक उड़िया लिपि और भाषा में मीटर और लय के साथ की गई है. एक अन्य पांडुलिपि जो सौंपी गई है, उसमें देवनागरी लिपि में हाथ से बने कागज से बने 17 पत्ते शामिल हैं, जिनमें बौद्ध ग्रंथ शामिल प्रतीत होते हैं.
इन्हें वर्ष 2019 और 2020 में क्रमशः स्पेन और फ्रांस में निर्यात करने का प्रयास करते समय जब्त किया गया था. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, सीबीआईसी के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल; बोर्ड के सदस्य (सीबीआईसी), इस अवसर पर एएसआई के महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत भी मौजूद थे.
इस अवसर पर अपने संबोधन में राजस्व विभाग के सचिव, संजय मल्होत्रा ने पुरावशेषों के ऐतिहासिक, कलात्मक और सामाजिक मूल्य को रेखांकित किया और पुरावशेषों के अवैध निर्यात के प्रयासों का पता लगाने और उन्हें विफल करने में सीमा शुल्क और एएसआई अधिकारियों की दोहरी भूमिका पर प्रकाश डाला.
अग्रवाल ने अपने संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय तस्करी सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने के लिए तकनीक के उपयोग और एजेंसियों के बीच तालमेल के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर रोशनी डाली.