नई दिल्ली:- दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज 18वें दिन भी जारी है. किसान नेता तीनों कृषि कानून (New Farm Law) वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. यही कारण है कि किसान नेता और सरकार के बीच बात नहीं बन पा रही है, जिसकी वजह से किसान अब अभी अपने आंदोलन को जारी रखे हुए हैं. इस बीच किसानों ने विरोध प्रदर्शन में राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. किसान इस दौरान दिल्ली-जयपुर हाइवे (Delhi-Jaipur Highway) बंद करेंगे. किसानों ने अगर आंदोलन कर के दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद हुआ तो उत्तर भारत के राज्यों का देश के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से संपर्क टूट जाएगा, जिससे फल-सब्जियों, दूध और राशन आदि की आपूर्ति में समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
वहीं, दिल्ली की सीमाओं पर और भी हजारों लोग पहुंचेंगे और अपने आंदोलन को तेज करेंगे. बता दें कि इसके साथ ही किसानों ने 14 दिसंबर से भूख हड़ताल करने का फैसला किया है. इस बीच इस बीच हरियाणा के किसानों के एक समूह ने इन कानूनों में आवश्यक संशोधन के लिए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. हरियाणा की किसान निर्माता संगठन (FPO) और जागरुक और प्रगतिशील किसान यूनियन के एक दर्जन से अधिक किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया है. Farmers Protest: किसान संगठन ने चिल्ला बार्डर पर धरना खत्म करने का किया फैसला, फिर से खुलेंगी सड़के.
गौरतलब हो कि किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई बार बैठकें हुई हैं. लेकिन अब तक उसका कोई हल नहीं निकला है. उसके साथ ही एक बात और साफ है कि किसानों का आंदोलन अब और लंबा खींचने वाला है. वहीं, किसान आंदोलन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है. इसके साथ कांग्रेस, सपा, शिरोमणि अकाली दल समेत कई पार्टी ने नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.