Farmers Protest: कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी हैं. उनके आंदोलन का आज 40वां दिन हैं. किसान अपने जिद पर अड़े हुए हैं कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जायेगी. तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा हैं. इस बीच छठे दौरे की वार्ता के बाद किसान नेताओं और सरकार के बीच आज सातवें दौर की एक बार फिर वार्त्ता होने जा रही हैं. उम्मीद जताई जा रही हैं कि आज होने वाली वार्ता में बीच का रास्ता निकल जायेगा. लेकिन बीच का रास्ता तभी निकलेगा जब किसानों की चार प्रमुख मांगो में दो मांगे मानी जाने के बाद एमएसपी (MSP) की गारंटी और कानून वापसी सरकार पर राजी होगी.
क्योंकि किसान नेताओं ने साफ़ किया है जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी. तब तक उनका आंदोलन खत्म होने वाला नहीं हैं. रविवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जो किसान नेताओं के साथ दिल्ली के सिंघु बॉडर पर डेट हुए हैं. साफ़ किया है कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और एमएसपी पर क़ानून बनाने पर जब तक सरकार राजी नहीं होगी तब तक उनका आंदोलन खत्म होने वाला नहीं हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसानों का ऐलान- 13 जनवरी को कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाएंगे लोहड़ी
बता दें कि सातवें दौर की बैठक के दौरान किसानों की चार मांगो में दो मांगे मांग बिजली के प्रस्तावित बिल को वापिस लेने और पराली के मामले में सरकार ने अध्यादेश जारी किया था उसे वापस लिया जायेगा. वहीं दो मांगे जो किसानों की सरकार से हैं. एमएसपी और तीनों कृषि कानून को रद्द करने पर बात होने वाली हैं. किसानों ने साफ़ किया है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करेंगे.