नई दिल्ली, 3 जनवरी: सरकार द्वारा देश में लाए गए नए कृषि कानूनों का कई राज्यों में किसानों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में रविवार यानि आज भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरमीत सिंह (Harmeet Singh) ने किसानों की अगुवाई करते हुए कहा है कि, '13 जनवरी को हम कृषि कानूनों की कॉपियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे. 6 से 20 जनवरी के बीच देशभर में किसानों के पक्ष में धरना-प्रदर्शन, मार्च आदि आयोजित किए जाएंगे. 23 जनवरी को आजाद हिन्द किसान दिवस मनाया जाएगा.'
बता दें कि केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आगामी सोमवार यानि कल एक बार फिर बैठक होनी वाली है. हरमीत सिंह से पहले किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा, 'आज 37वां दिन है, सरकार को अपनी जिद अब छोड़ देनी चाहिए. जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, हम वापस नहीं जाएंगे. यह काफी निराशाजनक है कि किसान अपनी जान गंवा रहे हैं. कई किसान बहादुरी से ठंड का सामना कर रहे हैं, फिर भी सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है.'
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किसानों को ठंड और बरसात की झेलनी पड़ रही है मार:
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब बरसात की मार भी झेलनी पड़ रही है. रविवार सुबह आई बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसानों द्वारा बनाए गए तम्बुओं में पानी भरने लगा है और उनके ओढ़ने वाले कम्बल भी भीग चुके हैं. रविवार सुबह दिल्ली एनसीआर में झमा झम बारिश हुई. गाजीपुर बॉर्डर (Gazipur Border) पर बैठे किसान जहां एक तरफ सर्द भरी हवाओं से जूझ रहे थे, तो वहीं अचानक आई बारिश ने किसानों की समस्याओं को दुगना बढ़ा दिया है.
बॉर्डर पर बैठी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग किसानों को बारिश की मार झेलनी पड़ रही है. किसानों की व्यवस्थाओं पर बारिश ने पानी फेर दिया है. किसान जहां एक तरफ बारिश से कैसे बचा जाए, इसकी तैयारी कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें बॉर्डर पर खाने की सामग्रियों को भी बचाने की चिंता है.
गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह हुई बारिश के हालातों और किसानों की स्थिथि बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, जैसे पहाड़ो पर बारिश का पानी नीचे गिरता है उसी तरह यहां की स्थिति बनी हुई है.