राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के अधिकारियों ने लक्षद्वीप द्वीपसमूह (Lakshadweep) के अपतटीय इलाके में समुद्र के बीच में एक मादक द्रव्य (Drugs) तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ कर 1,526 करोड़ रुपये मूल्य की 218 किलोग्राम हेरोइन जब्त की.
डीआरआई द्वारा अनेक महीनों तक विशिष्ट ढंग से यह खुफिया जानकारी जुटाने के बाद कि दो भारतीय नौकाएं तमिलनाडु के तट से गुजरते हुए अरब सागर में मई 2022 के दूसरे/तीसरे सप्ताह में कहीं न कहीं भारी मात्रा में नशीले पदार्थ प्राप्त करेंगी, डीआरआई ने एक ऑपरेशन शुरू किया.
तदनुसार भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने कोडनेम ऑपरेशन खोजबीन नाम से डीआरआई के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान 7 मई 2022 को शुरू किया. उक्त ऑपरेशन के तहत तटरक्षक जहाज सुजीत, डीआरआई अधिकारियों को साथ लेकर विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास कड़ी निगरानी रखा करता था. समुद्र की प्रचंडता के बीच कई दिनों तक लगातार खोजबीन और निगरानी के बाद, दो संदिग्ध नावों "प्रिंस" और "लिटिल जीसस" को भारत की ओर बढ़ते हुए देखा गया. दोनों भारतीय नौकाओं को 18 मई 2022 को लक्षद्वीप के तट से आईसीजी व डीआरआई के अधिकारियों द्वारा रोका गया. पूछताछ करने पर इन नावों के चालक दल के कुछ सदस्यों ने स्वीकार किया कि उन्होंने समुद्र में भारी मात्रा में हेरोइन प्राप्त को थी और उन्होंने इसे दोनों नावों में छुपाया . इसके बाद दोनों नावों को आगे की कार्रवाई के लिए कोच्चि ले जाया गया.
#WATCH | Indian Coast Guard ships chased two boats named Prince and Little Jesus off the coast of Lakshadweep and intercepted them with drugs worth over Rs 1,520 crores. Operation 'Khojbeen' was launched jointly with the Directorate of Revenue Intelligence: ICG officials pic.twitter.com/5drXSLrQqg
— ANI (@ANI) May 21, 2022
कोच्चि स्थित तटरक्षक जिला मुख्यालय में दोनों नावों की गहन तलाशी ली गई, जिसमें 1 किलो हेरोइन के 218 पैकेट बरामद हुए.
वर्तमान में डीआरआई द्वारा एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत जब्ती की कार्यवाही की जा रही है. इस खुलासे के बाद अन्य स्थानों पर तलाशी चल रही है और आगे की जांच जारी है.
ऑपरेशन को डीआरआई और आईसीजी द्वारा सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध ढंग से संचालित किया गया था और कई दिनों तक अनियमित समुद्र में व्यापक निगरानी की आवश्यकता थी . जब्त की गई हेरोइन उच्च श्रेणी की हेरोइन प्रतीत होती है और अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में इसकी कीमत
1,526 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. हाल के दिनों में आईसीजी और डीआरआई ने नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण अभियान चलाए हैं.
पिछले एक महीने में डीआरआई द्वारा नशीली दवा की बरामदगी की यह चौथी बड़ी घटना है . इससे पहले, डीआरआई ने दिनांक 20.04.2022 को कांडला बंदरगाह पर जिप्सम पाउडर की वाणिज्यिक आयात खेप से 205.6 किलोग्राम हेरोइन, दिनांक 29.04.2022 को पिपावाव बंदरगाह पर 396 किलोग्राम धागा (हेरोइन से युक्त) और दिनांक 10.05.2022 को एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स, आईजीआई नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में 2500 करोड़ रुपये मूल्य की 62 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी.
अप्रैल 2021 से डीआरआई ने लगभग 3,800 किलोग्राम से अधिक मूल्य की हेरोइन जब्त की है जिसकी अंतरराष्ट्रीय अवैध बाज़ार में क़ीमत लगभग 26,000 करोड़ रुपये है. इनमें सितंबर 2021 में मुंद्रा में 3000 किलोग्राम हेरोइन, जुलाई 2021 में न्हावा शेवा पोर्ट पर 293 किलोग्राम हेरोइन, फरवरी 2022 में नई दिल्ली के तुगलकाबाद में 34 किलोग्राम हेरोइन समेत हवाई यात्रियों से हेरोइन बरामदगी की अनेक घटनाएं शामिल हैं. इसके अलावा इस अवधि के दौरान डीआरआई द्वारा अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में लगभग 3,500 करोड़ रुपये मूल्य की 350 किलोग्राम से अधिक कोकीन जब्त की गई थी, जिसमें अप्रैल 2021 में तूतीकोरिन बंदरगाह पर एक कंटेनर से 303 किलोग्राम कोकीन की सबसे बड़ी खेप भी शामिल थी.
दूसरी ओर आईसीजी ने पिछले तीन वर्षों में विभिन्न अभियानों में लगभग 6,200 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 3 टन मादक पदार्थ बरामद किए हैं, जिससे अब तक कुल नशीली दवाओं की ढुलाई 12,206 करोड़ रुपये हो गई है. उल्लेखनीय मामलों में श्रीलंकाई नाव शेनाया दुवा और रविहंसी का पकड़ा जाना शामिल है, जिनमें से दोनों को ड्रग्स और एके -47 और पिस्तौल जैसे
हथियारों के साथ पकड़ा गया था, साथ ही ईरानी नाव जुम्मा, पाक नाव अल हुसेनी और अल हज का पकड़ा जाना भी उल्लेखनीय रहा है. अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी नेटवर्क के खिलाफ आईसीजी और डीआरआई का संयुक्त अभियान समुद्री मार्गों से देश में दवाओं के आगमन को रोकने में सफल रहा है.