नई दिल्ली, 7 सितंबर: 'जी-20' सम्मेलन के दौरान किसी भी ड्रोन संभावित खतरे से निपटने के इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित भारतीय काउंटर-ड्रोन प्रणाली को राष्ट्रीय राजधानी के राजनयिक एन्क्लेव में तैनात किया गया है.
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक डीआरडीओ और भारतीय सेना के ड्रोन सिस्टम अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर हवाई खतरों से निपटने के लिए काम कर रहे हैं. इस प्रकार की सुरक्षा जी-20 सम्मेलन पूर्ण होने तक चौबीसों घंटे उपलब्ध कराई जाएगी. G20: दिल्ली मेट्रो 8 से 10 सितंबर तक सुबह 4 बजे से चलेगी, इन स्टेशनों पर पार्किंग का जान लें समय
गौरतलब है कि 'जी 20' सम्मेलन की सुरक्षा को लेकर भारतीय वायुसेना ने एक ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर भी बनाया है. यह सेंटर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सीधा जुड़ा है.
#WATCH | Delhi | Indian counter-drone system developed by the Defence Research and Development Organisation (DRDO) deployed in the diplomatic enclave in the national capital to provide protection against any possible drone threat. The drone systems of the DRDO & Indian Army along… pic.twitter.com/BCDBJMczs4
— ANI (@ANI) September 7, 2023
वायुसेना ने 'जी-20' सम्मेलन के दौरान सुरक्षा के लिए एयर डिफेंस मिसाइल और राफेल को भी एक्शन मोड में रखा है. दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पैराग्लाइडर, पैरामोटर, हैंग ग्लाइडर, यूएवीएस, यूएएसएस, माइक्रोलाइट विमान, दूर से संचालित विमान, गर्म हवा के गुब्बारे, छोटे जैसे उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों को उड़ाना अवैध होगा.
Anti #Drone System of #IndianArmy,#Navy,#DRDO deployed to protect venue and other locations from #UAV threat during #G20SummitDelhi. 🇮🇳 pic.twitter.com/aJuwDOKeF9
— Manish Prasad (@manishindiatv) September 7, 2023
जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई देशों के राष्ट्रपति व राष्ट्र प्रमुख आ रहे हैं. विभिन्न राष्ट्र प्रमुखों को सुरक्षा प्रदान के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से वायु सेना ने मिराज राफेल और सुखोई 30 जैसे फाइटर जेट को भी तैनात रखा है.