
Indian Navy Underwater Mine Test: देश की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारतीय नौसेना और DRDO ने मिलकर अत्याधुनिक अंडरवॉटर नेवल माइन का सफल परीक्षण किया है. सोमवार, 5 मई 2025 को रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी और इसे देश की डिफेंस टेक्नोलॉजी के लिए एक मील का पत्थर बताया. इस माइन का नाम है Multi-Influence Ground Mine (MIGM), जिसे DRDO की नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापत्तनम ने डिजाइन और डेवलप किया है.
इसमें कई आधुनिक सेंसर लगे हैं जो समुद्र में चलने वाले जहाजों और पनडुब्बियों से निकलने वाली आवाज, चुंबकीय प्रभाव और दबाव को पहचान सकते हैं. यानी ये माइन दुश्मन के किसी भी 'स्टेल्थ' हमले को भी भांप सकता है.
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भारत ने किया सबसे एडवांस अंडरवाटर माइन का सफल परीक्षण
The @DRDO_India and @indiannavy successfully undertook combat firing (with reduced explosive) of the indigenously designed and developed Multi-Influence Ground Mine (MIGM).
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has complimented DRDO, Indian Navy and the Industry on this… pic.twitter.com/pOvynpBcr5
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 5, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
इस अत्याधुनिक सिस्टम का उत्पादन भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, विशाखापत्तनम की अन्य यूनिट्स और हैदराबाद की अपोलो माइक्रोसिस्टम्स लिमिटेड के सहयोग से किया जा रहा है. इसके परीक्षण के दौरान सीमित विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया, ताकि इसकी क्षमता और प्रभाव को बिना किसी खतरे के परखा जा सके.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय नौसेना और उद्योग से जुड़े सभी साझेदारों को बधाई दी. उन्होंने कहा, "MIGM सिस्टम से भारतीय नौसेना की अंडरसी वॉरफेयर यानी पानी के नीचे की लड़ाई की क्षमता और मजबूत होगी."
चीन-पाकिस्तान पर रखी जाएगी नजर
इस परीक्षण की टाइमिंग भी बेहद अहम मानी जा रही है. हाल ही में 22 अप्रैल को **पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था को और सतर्क किया गया है. ऐसे में समंदर के रास्ते होने वाले संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए यह माइन भारतीय नौसेना के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है.
समुद्र में बढ़ते खतरे और चीन-पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की गतिविधियों को देखते हुए भारत का यह कदम सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. अब भारतीय नौसेना के पास ऐसी तकनीक होगी जो गहराई में छिपे किसी भी दुश्मन को पकड़ सकेगी.
देश आत्मनिर्भर भारत की दिख रही झलक
यह माइन खासतौर पर स्टेल्थ तकनीक से लैस जहाजों और पनडुब्बियों को पकड़ने में सक्षम है, जो आमतौर पर पारंपरिक रडार या सोनार से पकड़ में नहीं आते.
भारत अब न सिर्फ जमीन और आसमान बल्कि समंदर की गहराई में भी अपने दुश्मनों को मात देने के लिए पूरी तरह तैयार है. MIGM जैसी तकनीकें यह साबित करती हैं कि देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.