
Ahilyabai Holkar Jayanti 2025 Wishes in Hindi: मालवा क्षेत्र में आज भी बड़े अदब से महारानी अहिल्याबाई होलकर (Ahilyabai Holkar) का नाम लिया जाता है. अहिल्याबाई होलकर भारत के इतिहास की एक ऐसी वीरांगना रही हैं, जिनके शासन काल में मराठा-मालवा साम्राज्य ने बड़ी-बड़ी विजय हासिल की थी. उन्होंने कई सारे हिंदू मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया था. उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के चौंडी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम मानकोजी शिंदे था, जो धनगर समाज से ताल्लुक रखते थे. जिस दौर में स्त्रियों को घर की चार दीवारी में रखा जाता था, उस समय अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें घर पर ही पढ़ाना लिखाना शुरु कर दिया था. पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें शास्त्रज्ञान भी सिखाया. एक आदर्श प्रशासिका, न्यायप्रिय शासिका और धर्मपरायण महिला के तौर पर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराने वाली अहिल्याबाई होलकर की जयंती (Ahilyabai Holkar Jayanti) हर साल 31 मई को मनाई जाती है.
एक किसान परिवार में जन्मी अहिल्याबाई को जब मालवा के शासक मल्हार राव होलकर ने देखा तो उन्होंने अपने पुत्र खांडेराव होलकर के लिए उन्हें चुन लिया और महज 8 साल की उम्र में उनका विवाह खांडेराव होलकर के साथ हो गया. अहिल्याबाई होलकर जयंती के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को शुभकामनाए दे सकते हैं.





अहिल्या पर दुखों का पहाड़ तब टूटा जब सन 1754 में उनके पति खांडेराव की मृत्यु हो गई और उसके बाद सन 1766 में मालवा के शासक और अहिल्याबाई के ससुर मल्हार राव होलकर का भी निधन हो गया. यहां तक कि उन्होंने अपने पुत्र मालेराव को भी जल्द ही खो दिया. जब मालवा की गद्दी पर कोई शासक नहीं था, तब उन्होंने सत्ता की बागडोर अपने हाथों में थाम ली.
उन्होंने सन 1767 से सन 1795 तक मालवा की बागडोर संभाली. अपने शासन काल में अहिल्याबाई होलकर ने इंदौर को एक व्यवस्थित और सुंदर नगर में तब्दील कर दिया. उन्होंने प्रशासनिक क्षमता, न्याय व्यवस्था और परोपकारी कार्यों से शासन की जम्मेदारी अच्छे से निभाई. इतना ही नहीं उन्होंने सभी धर्म और जाति के लोगों के साथ समान न्याय और सम्मान का व्यवहार किया.