देहरादून, तीन अप्रैल: उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को केंद्र से भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ क्षेत्र के लिए करीब 2943 करोड़ रू के आर्थिक पैकेज की मांग की. नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में भूधंसाव से प्रभावितों के लिए राहत और विस्थापन कार्यों की जानकारी दी और कहा कि इसके लिए 2942.99 करोड़ रू के आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है. टिहरी बांध की झील से बड़े भूस्खलन का खतरा, हाईवे समेत कई घरों में पड़ी दरारें.
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने बताया कि इस पैकेज में प्रभावितों को अस्थाई राहत एवं आवास व्यवस्था हेतु 150 प्री फॅब्रिकेटेड घरों का निर्माण, साइट विकास कार्य और प्रभावितों को दिया जाने वाला भत्ता प्रमुख है.
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#WATCH| Delhi: "Talks held with PM for approval of Jamrani Dam project. I have also spoke with him about the assistance that is going to be received from the Center on Joshimath rehabilitation works……..": Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami on meeting with PM Modi pic.twitter.com/6j0ori8ynC
— ANI (@ANI) April 3, 2023
धामी ने कहा कि इसके अलावा, आवासीय एवं व्यवसायिक अवसंरचनाओं के मुआवजे, असुरक्षित क्षेत्र में आने वाले परिवारों की जमीनों के मुआवजे, प्रभावित व्यक्तियों के स्थायी पुनर्वास एवं भूमि के अधिग्रहण तथा विकास और प्रभावित विभागीय अवसंरचनाओं की मरम्मत तथा पुनर्स्थापना का कार्य भी इस पैकेज में सम्मिलित है.
उन्होंने कहा कि पैकेज से जोशीमठ के स्थिरीकरण तथा पुनर्विकास का कार्य भी किया जाएगा.
इस वर्ष की शुरूआत में जोशीमठ में हुए भूधंसाव से होटलों और मकानों समेत सैकडों भवनों, खेतों और सडकों में दरारें पड गयी थीं जिसके बाद असुरक्षित भवनों में रहने वाले लोगों को वहां से हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित करना पडा . अब भी कई परिवार अस्थाई शिविरों में रह रहे हैं .
धामी ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र स्थापित किया है जो उत्कृष्टता केंद्र के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर भूमि धंसाव सुधार एवं प्रबंधन पर सलाह देगा. उन्होंने बताया कि केंद्र ने जोशीमठ में कार्य करना आरंभ कर दिया है और इसके द्वारा प्रभावित भूधंसाव, आपदा प्रभावित जोखिम क्षेत्र का रोडमैप भी तैयार कर दिया गया है.
जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित सार्वजनिक निवेश बोर्ड की बैठक में संस्तुति मिलने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से आर्थिक स्वीकृति भी दिलाए जाने का अनुरोध किया.
धामी ने प्रधानमंत्री से हरिद्वार से वाराणसी के लिए वन्दे भारत रेल सेवा शुरू किए जाने का भी आग्रह करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि कि राज्य में मौनपालन के समग्र विकास के लिये राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन योजना के तहत 249.529 करोड़ रू का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है जिसमें केंद्र का अनुदान 203.391 करोड़ रू है . मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से प्रस्ताव स्वीकृत कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे प्रदेश के लगभग 45,000 मौनपालकों को सीधे लाभ पहुंचेगा .
धामी ने राज्य में पीएमजीएसवाई -एक और दो के समस्त अवशेष 473 कार्यों को पूर्ण करने हेतु मार्च, 2024 तक की अनुमति प्रदान करने पर विचार करने का भी अनुरोध किया . योजना के तहत राज्य में 150 से 249 की जनसंख्या वाली 407 बसावटें शेष है, जहां 2900 करोड़ रू की अनुमानित लागत से 3200 किमी0 लम्बी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है .
प्रधानमंत्री के साथ लगभग एक घंटे तक चली बैठक में राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों के बारे में अवगत कराने के अलावा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा और लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम के लिए आमंत्रित किया. इस दौरान धामी ने मोदी को मुनस्यारी की शॉल, उत्तराखंड में जी-20 के सफल आयोजन की कॉफी टेबल बुक, अपनी सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर निकाली गयी ‘एक साल नई मिसाल’ की कॉफी टेबल बुक, मिलेट एवं जागेश्वर धाम की प्रतिकृति भी भेंट की.
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