Dengue: दिल्ली-NCR सहित यूपी-बिहार में डेंगू के मामलों में उछाल, जानें लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय
प्रतीकात्मक तस्वीर - डेंगू (Photo Credits: Pixabay)

Dengue Cases Rise: दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश सहित भारत के कई हिस्सों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में इस साल अब तक 3,607 से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि राज्य की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार तक 440 से मामले दर्ज किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ में तीन दर्जन से अधिक (37) लोगों में शुक्रवार को डेंगू की पुष्टि हुई, जिससे यहां रोगियों की संख्या 440 से अधिक हो गई. बिना नियमों के कोविड का प्रबंधन कैसे करें? परीक्षण करते रहें और सकारात्मक हों तो घर पर रहें.

केंद्र सरकार ने फिरोजाबाद, आगरा और इटावा जिलों में डेंगू बीमारी की स्थिति का आकलन एवं प्रबंधन करने के लिए उत्तर प्रदेश में उच्च स्तरीय टीम प्रतिनियुक्त की है. यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने के साथ ही जमीनी स्थिति पर गौर करेगी और राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों के प्रबंधन के लिए जरूरी सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की सिफारिश करेगी.

वहीं राजधानी दिल्ली में भी डेंगू के मामलों में उछाल जारी है. राजधानी में 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर के बीच 300 से अधिक मामले दर्ज किए गए. भारत में लगातार बारिश के कारण मामलों में और वृद्धि देखी गई है. सितंबर में कुल 693 मामले दर्ज किए गए. इन आंकड़ों ने कई लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

बिहार में भी डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं. राज्य ने 2022 में अब तक 3,965 डेंगू के मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 78 प्रतिशत यानी 3,107 मामले पटना से हैं. यह बिहार में 2020 और 2021 में एक साथ दर्ज किए गए मामलों के 3.5 गुना से अधिक है और यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.

यहां हम आपको डेंगू के लक्षणों और इनसे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है इसकी जानकारी दे रहे हैं.

कैसे फैलता है डेंगू

डेंगू संक्रमित मच्छर एडीज एजेप्टी (Aedes Aegypti) के काटने से इंसानों में फैलता है. डेंगू के लक्षण मच्छर काटने के 4-10 दिनों बाद नजर आते हैं. इसमें तेज बुखार और अत्यधिक थकान होती है साथ ही मरीजों का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है. ऐसी कंडीशन में सही इलाज न मिलने पर मरीज की कंडीशन गंभीर हो सकती है.

बचाव

डेंगू से बचने का सबसे आसान उपाय स्वयं को मच्छरों के काटने से बचाना है. घर या आसपास कहीं पानी जमा हो तो उसे साफ कर दें. जहां से पानी साफ करना संभव न हो वहां पानी में एक ढक्कन मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल दें. मच्छरों से बचने के लिए मॉस्क्यूटो रैपिलेंट का इस्तेमाल करें. इसके अलावा साल के जिस समय डेंगू का प्रकोप ज्यादा होता है, उस समय पूरे बाजू के कपड़े, मोजे-जूते पहनने चाहिए. घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रखें.

सामान्य लक्षण

तेज बुखार, गंभीर शारीरिक दर्द, उल्टी, कम भूख, त्वचा पर खुजली या चकत्ते, लो बीपी, पेट में दर्द, हड्डियों में दर्द, जी मिचलाना, हल्का रक्तस्राव, थकान और बेचैनी.

कब करवाएं टेस्ट

एक बार जब व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वह लक्षणों की शुरुआत के पहले दिन से लेकर पांचवें दिन तक कभी भी डेंगू NS1 एंटीजन कर सकता है. डेंगू आईजीएम सीरोलॉजी टेस्ट बीमारी के चार से पांच दिनों के बाद किया जाना चाहिए क्योंकि समय महत्वपूर्ण है.

डेंगू का इलाज

ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो अपने डॉक्टर को दिखाएं और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लें. उल्टी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए सादे पानी के साथ ही जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करें. डेंगू के कुछ गंभीर लक्षण भी दिख सकते हैं, अगर ये लक्षण दिखें तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डेंगू के लक्षण दिखने पर स्वयं दवाएं न लें.