दिल्ली: चौकीदारों की भर्ती में घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सीबीआई ने दर्ज किया केस
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)

दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में चौकीदारों (Chowkidars) की भर्ती में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. इसकी शिकायत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भारतीय खाद्य निगम (FCI) की दिल्ली यूनिट (Delhi Unit) से मिलने के बाद भर्ती में अनियमितता बरतने को लेकर केस दर्ज किया है. सीबीआई ने जो केस दर्ज किया वह चौकीदार पद के लिए अयोग्य उम्मीदवारों को चुनने को लेकर यह मामला दर्ज किया है.

एनडीटीवी के खबर के अनुसार FCI ने 10 अप्रैल 2017 को दिल्ली में चौकीदारों की नियुक्ति के लिए एक निजी कंपनी को ठेका दिया था. कुल 53 पदों के लिए 1.08 लाख लोगों ने आवेदन किया. इसके बाद 18 फरवरी 2018 को 98771 आवदेकों ने रिटेन टेस्ट दिया. इनमें से 171 को चुना गया. इसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफाई करने और फिर शारीरिक परीक्षण के बाद 96 आवेदकों को शॉर्टलिस्ट किया था. इनमें से 53 पदों पर नियुक्ति कर ली गई. यह भी पढ़े: साइबर क्राइम : 8,700 से ज्यादा व्यापारियों ने मिलकर ऐसे लगाया 262 करोड़ रुपये का चूना

गलत तरीके से अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास किया गया

इस नियुक्ति के बाद भारतीय खाद्य निगम ने आशंका जाहिर किया किया कि भर्ती के दौरान कुछ तो अनियमितता भर्ती गई है. जिसके बाद उसने CBI से मामले की जांच करने की मांग की है. CBI को भेजी शिकायत में FCI ने कहा है कि यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि कुछ लोग गलत तरीके से परीक्षा में पास हो गए जबकि योग्य अभ्यर्थियों को मौका ही नहीं मिला.

14 अभ्यर्थियों की भर्ती गलत तरीके से की गई

जब इस मामले की जांच की गई तो मालूम पीडीए कि संबंधित निजी फर्म ने कई सरकारी संस्थाओं के लिए कर्मचारियों की भर्ती की है. शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि शॉर्टलिस्ट किये गए 96 आवेदकों में से कम से कम 14 अभ्यर्थियों की भर्ती गलत तरीके से हुई है. खबरों की माने तो ऐसी ही गड़बड़ियां FCI के मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी हुई हैं. हम अन्य भर्तियों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. कानूनी तौर पर कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़े: IRCTC घोटाला: लालू परिवार को बड़ी राहत, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को मिली जमानत

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अगस्त में प्रारंभिक जांच शुरू करने के बाद, CBI ने निजी फर्मों के साथ-साथ व्यक्तिगत उम्मीदवारों द्वारा 'आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी' जैसे कई अपराधों का खुलासा किया. इसके बाद जनवरी में विस्तृत जांच के लिए एक मामला दर्ज किया गया. वहीं इस पूरे मामले पर संबंधित निजी फर्म ने सफाई देते हुए कहा है कि उसने 20 साल से सार्वजनिक क्षेत्र की अगल-अलग संस्थाओं के लिए करीब 500 से ज्यादा भर्तियां की हैं. अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जिसमें हमने कोई गलती की हो.