राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) के बेटे विवेक डोभाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कारवां (Caravan) मैगजीन के संपादक और रिपोर्टर पर मानहानि का केस किया है. इस मामले में दिल्ली की कोर्ट अब 30 जनवरी को सुनवाई करेगी. इसमें गवाह के बयान होंगे. विवेक डोभाल (Vivek Doval) के अनुसार उनके पिता को टारगेट करने के लिए उनके परिवार के खिलाफ मनी लांड्रिंग जैसे गंभीर अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. इन आरोपों में जरा सी भी सच्चाई नहीं है. इनका मकसद सिर्फ उनकी पिता की छवि को धूमिल करना है.
दरअसल अंग्रेजी मैगजीन कारवां ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि नोटबंदी के ठीक बाद विवेक डोभाल ने टैक्स हैवन- केमैन आईलैंड में हेज फंड कंपनी का पंजीकरण कराया. इसके बाद केमैन आईलैंड के भारत आने वाले निवेश में जबरदस्त उछाल देखा गया. विवेक के अनुसार एक साजिश के तहत पहले मैगजीन में ये आर्टिकल छापा गया है. इसमें कहा गया है कि नोटबंदी के ठीक 13 दिन बाद कैमन आइलैंड में 'जीएनवाई एशिया' नाम की कंपनी ने एक फंड खोला, जिसके तीन डायरेक्टर्स में से एक विवेक हैं, जबकि दूसरा डायरेक्टर डॉन डब्ल्यू.ई. बैंक्स नामक कंपनी है. यह भी पढ़ें- ‘कारवां' पत्रिका और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के खिलाफ अदालत पहुंचे अजीत डोभाल के बेटे, मानहानि का मामला किया दर्ज
A Delhi Court has taken cognizance of the criminal defamation complaint filed by Vivek Doval, son of National Security Advisor (NSA) Ajit Doval and fixed the date of 30th January for witnesses' recording.
— ANI (@ANI) January 22, 2019
विवेक डोभाल का कहना है कि जयराम रमेश और कारवां मैगजीन की रिपोर्ट में उनके परिवार को 'डी कंपनी' के रूप में पेश किया है, जो संदेहास्पद निवेश और एक तरह से मनी लांड्रिंग के धंधे में लिप्त है. इतना ही नहीं इस आर्टिकल में उनके पिता की छवि को खराब करने के लिए उनकी हेज फंड की कंपनी को 2016 के नोटबंदी से जोड़कर दिखाया गया है. विवेक डोभाल ने कहा कि उनके पास एक-एक पैसे के हिसाब है और उसका सबूत है. लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए उनके पिता की छह दशक में कमाई गई इज्जत को तार-तार कर दिया गया.